गुस्से को शांत करने के लिए मंगलवार को करें हनुमान जी की पूजा और अपनाएं ये उपाय
मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा बेहद लाभदायक साबित हो सकती है.
हनुमान जी अपने भक्तों पर आने वाले तमाम तरह के कष्टों और परेशानियों को दूर करते हैं। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. उनकी पूजा पाठ में ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती. मंगलवार को उनकी पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से बजरंगबली खुश होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. कोरोना काल में जिंदगी में चिंताएं बहुत अधिक और शांति कम है. लोग धैर्य और सहनशक्ति खोते जा रहे हैं और यही कारण है कि लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है, जो खुद का ही सबसे बड़ा दुश्मन होता है.
गुस्से से सामने वाले का कम अपना ज्यादा नुकसान होता है, इसलिए जरूरी है कि इस पर काबू पाया जाए. इसके लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा बेहद लाभदायक साबित हो सकती है. मंगलवार के दिन हनुमान जी के निमित्त कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो निश्चित रूप से लाभ मिलता है. आइए आपको बताते हैं कौन से हैं वे उपाय.
अपना गुस्सा कम करने के लिए आप चाहें तो मंगलवार का व्रत कर सकते हैं. ये हनुमान जी को खुश करने का सबसे उत्तम उपाय माना जाता है. इस दिन व्रत का प्रण लें और हनुमान जी की पूजा करें. विधिपूर्वक किए गए व्रत से आप अपने में बदलाव महसूस कर सकते हैं.
मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है. वैसे तो आप हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन कर सकते हैं लेकिन मंगलवार के दिन जरूर करें. मंगलवार के दिन मंदिर में आसन बिछाएं और हनुमान चालीसा पढ़ें। इससे आपका मन शांत होगा और तमाम बुरे विचार मन से दूर होंगे.
सुंदर कांड का पाठ करने से भी अपने गुस्से पर काबू पाया जा सकता है. दिन के दोनों पहर में सुंदर कांड का पाठ करें और विधि विधान से पूजा करें, लाभ मिलेगा.
मंगलवार के दिन बजरंगबली को सिंदूरी चोला चढ़ाकर आसानी से खुश किया जा सकता है और उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है. मंगलवार के दिन उन्हें चोला चढ़ाकर केवल क्रोध पर ही काबू नहीं पाया जा सकता बल्कि अन्य परेशानियां भी जीवन से दूर की जा सकती हैं.
हनुमान जी को तुलसी बहुत प्रिय है. हर मंगलवार तुलसी के पत्ते पर सिंदूर से श्रीराम लिखकर हनुमान जी के चरणों में अर्पित करने से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है और कलह-क्लेश और नकारात्मक विचार मन में नहीं आते हैं.