नई दिल्ली। इसरो प्रमुख के सिवन ने नये साल पर बड़ी खुशखबरी दी है और कहा है भारत सरकार ने चंद्रमान के तीसरे मिशन यानी चंद्रयान-3 परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी है। इसरो प्रमुख के सिवन ने बुधवार को ऐलान किया कि चंद्रयान-3 को सरकार ने हरी झंडी दे दी है और इस परियोजना पर काम शुरू हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आंध्र के श्रीहरिकोटा के अलावा अब तमिलनाडु में भी अंतरिक्ष केंद्र होगा। तूतीकोरिन में इसके लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। इसरो चीफ के. सिवन ने नए साल के मौके पर कहा कि इस साल 2020 में गगनयान और चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया जाएगा।
इसरो चीफ के. सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 का लैंडर बहुत तेज गति होने की वजह से सही नेवीगेट (दिशा और रास्ता) नहीं कर पाया और इसकी वजह से हार्ड लैंडिंग हुई. ये गलत आरोप लगाया जा रहा है कि चंद्रयान-2 की असफलता की वजह से अन्य सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग में देरी हुई है. ऐसा नहीं है. सैटेलाइट्स लॉन्च करने के लिए रॉकेट्स बनाने होते हैं. जैसे ही हमारे पास रॉकेट होता है हम लॉन्चिंग कर देते हैं. लेकिन, मार्च तक हम वो सारे सैटेलाइट्स लॉन्च कर देंगे जो 2019 के अंत तक तय किए गए थे.
इसके साथ ही इसरो चीफ ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के जरिए हमारी कोशिश देशवासियों के जीवन को और बेहतर बनाने की है। उन्होंने कहा कि गगनयान मिशन पर जाने के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों की भी पहचान की जा चुकी है। गगनयान प्रोजेक्ट का काम लगभग पूरा हो चुका है।
इससे पहले खबर आई थी कि भारत चंद्रमा के लिए अपना तीसरा मिशन 2020 में लॉन्च करेगा। अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार कहा था कि यहां सिर्फ लैंडर औक रोवर के जरिए चंद्रयान 3 चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी हां, लैंडर और रोवर मिशन 2020 में लॉन्च होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि चंद्रयान 2 कोई असफलता नहीं था बल्कि उससे हमने बहुत कुछ सीखा है। दुनिया को कोई भी देश पहली कोशिश में चांद पर नहीं उतर सका है। अमेरिका को कई कोशिशें लग गई थीं लेकिन हमें इतनी देर नहीं होगी।