INDvsAUS: भारतीय खिलाड़ी काली पट्टी बांध कर बेंगलुरु में खेलने उतरे, जानें वजह

Update: 2020-01-19 09:09 GMT

बेंगलुरु। भारतीय क्रिकेट टीम बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में आस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे तीसरे और निर्णायक वनडे मैच में बांह पर काली पट्टी बांधकर खेलने उतरे हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने यह ब्लैक बैंड्स बापू नाडकर्णी के नाम से मशहूर क्रिकेटर रमेशचंद्र गंगाराम के सम्मान में पहने हैं। इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच में लगातार 21 ओवर मेडन करने का रिकॉर्ड बनाने वाले पूर्व भारतीय ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का शुक्रवार (17 जनवरी) को निधन हो गया था। वह 86 साल के थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।

बीसीसीआई की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ''टीम इंडिया आज के मैच में ब्लैक बैंड्स पहन के खेलेगी। यह ब्लैक बैंड्स बापू नाडकर्णी के सम्मान में खिलाड़ी पहनेंगे।'' नाडकर्णी बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर थे. उन्होंने भारत की तरफ से 41 टेस्ट मैचों में 1414 रन बनाए और 88 विकेट लिए. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 43 रन देकर छह विकेट रहा।

नाडकर्णी ने 500 फर्स्‍ट क्‍लास विकेट और 8880 रन बनाए



 वह मुंबई के शीर्ष क्रिकेटरों में शामिल थे. उन्होंने 191 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिसमें 500 विकेट लिये और 8880 रन बनाए. नासिक में जन्में नाडकर्णी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दिल्ली में 1955 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच भी इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 1968 में एमएके पटौदी की अगुवाई में ऑकलैंड में खेला था।

नाडकर्णी ने लगातार 131 गेंद डॉट डालींं

उन्हें लगातार 21 ओवर मेडन करने के लिए याद किया जाता है. मद्रास (अब चेन्नई) टेस्ट मैच में उनका गेंदबाजी विश्लेषण 32-27-5-0 था. उन्होंने 131 गेंदे लगातार डॉट फेंकी थी यानी इन गेंदों पर कोई भी रन नहीं बना था. बापू ने पहली पारी में सिर्फ 0.15 इकोनॉमी से रन दिए थे, जो फटाफट क्रिकेट के इस दौर में सोचना भी बेमानी लगता है. क्रिकेट में जबसे एक ओवर में 6 गेंदे फेंकी जाने लगीं उसके बाद से लेकर आज तक कोई भी दूसरा गेंदबाज इस करिश्मे को दोहरा नहीं सका है।

54 साल से ये रिकॉर्ड बापू के नाम पर ही दर्ज है. ओवर के मामले में नाडकर्णी तो गेंद के मामले में यह रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीकी ऑफ स्पिनर ह्यू टेफील्ड के नाम पर है. आठ गेंद के ओवर के दौर में ह्यू टेफील्ड ने 1956-57 में लगातार 137 डॉट गेंद फेंकी थी. उन्होंने 17.1 लगातार मेडन ओवर फेंके थे.नाडकर्णी को किफायती गेंदबाजी करने के लिए जाना जाता था. पाकिस्तान के खिलाफ 1960-61 में कानपुर में उनका गेंदबाजी विश्लेषण 32-24-23-0 और दिल्ली में 34-24-24-1 था.

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