आईपीएल पर छाया संकट, शुरू होने से पहले हाईकोर्ट में पहुंचा मामला
पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ मंत्री भी आईपीएल के रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ फ्रैंचाइजियों ने टी-20 लीग के मैचों को दर्शकों के बगैर खाली स्टेडियम में करवाने का सुझाव भी दिया है।
भारत समेत पूरी दुनिया में पैर पसार रहा खतरनाक कोराना वायरस का असर अब इंडियन प्रीमियर लीग पर भी पड़ता नजर आ रहा है। इसकी वजह से अब इसके आयोजन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। आईपीएल शुरू होने में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, ऐसे में इसको आयोजन को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएल के 13वें सीजन के आयोजन को टाला जा सकता है इतना ही नहीं अब आईपीएल के आयोजन से जुड़ा मुद्दा कोर्ट भी पहुंच चुका है।
ताजा मामले के तहत मद्रास हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें केंद्र सरकार से आईपीएल को रद्द कराने की मांग की गई है। तमिलनाडु में दायर इस याचिका में कहा गया है कि कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए बीसीसीआई द्वारा आयोजित होने वाली आईपीएल को रद्द किया जाए।
Tamil Nadu: A plea has been filed in Madras High Court, seeking direction to the Central Government to not allow Board of Control for Cricket in India (BCCI) to conduct IPL matches from March 29-May 24, in view of #CoronaVirus. pic.twitter.com/XTcXAqOcPi
— ANI (@ANI) March 11, 2020
इससे पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ मंत्री भी आईपीएल के रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ फ्रैंचाइजियों ने टी-20 लीग के मैचों को दर्शकों के बगैर खाली स्टेडियम में करवाने का सुझाव भी दिया है।
हालांकि 29 मार्च से शुरू होकर 24 मई तक चलने वाले इस बार के टूर्नामेंट को लेकर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पहले ही अपने इरादे साफ कर दिए हैं और कहा है कि टूर्नामेंट का आयोजन तय समय से ही होगा और वो इसपर सभी तरह के खतरों पर नजर बनाए रखे हुए हैं।आईपीएल के मैचों में स्टेडियम में हजारों की संख्या में देश-विदेश के दर्शक पहुंचते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थय मंत्री राजेश टोपे ने खेल मंत्री के सामने अपनी चिंता जाहिर की थी।
उन्होंने शनिवार को कहा कि देश भर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन बाद में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बड़ी संख्या में लोग एक जगह जमा होते हैं तो संक्रामक बीमारियों के तेजी से फैलने की आशंका रहती है। ऐसे आयोजनों के लिए यह सही समय नहीं है।