33 साल की उम्र में ही इंडियन प्लेयर ने लिया संन्यास, सचिन के विदाई टेस्ट में मैन ऑफ द मैच था ,शेयर किया इमोशनल चिठ्ठी
प्रज्ञान ओझा ने ट्विटर पर लिखा कि भारतीय टीम के लिए खेलना उनका बचपन का सपना था और उन्हें खुशी है कि वह ऐसा कर पाए और देश के फैंस का प्यार और इज्जत हासिल की.
भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज प्रज्ञान ओझा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट और फर्स्ट क्लास क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। महज 33 साल की उम्र में प्रज्ञान ओझा ने क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बनाया है। इस बात की पुष्टि खुद प्रज्ञान ओझा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर की है कि वे क्रिकेट के तीनों प्रारूपों से विदाई ले रहे हैं।
भुवनेश्वर के रहने वाले प्रज्ञान ओझा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दो पेजों का एक लेटर लिख कर इस बात की जानकारी दी है। इसमें उन्होंने अपनी टीम के पूर्व कप्तान और साथियों का धन्यवाद किया है। वहीं, इस लेटर के कैप्शन में ओझा ने लिखा है कि अब जीवन के अगले पड़ाव के लिए आगे बढ़ने का समय आ गया है। प्यार और समर्थन देने वाला हर एक शख्स का मुझे हमेशा याद रहेगा और मुझे इससे हमेशा मोटिवेशन मिलेगा।
It's time I move on to the next phase of my life. The love and support of each and every individual will always remain with me and motivate me all the time 🙏🏼 pic.twitter.com/WoK0WfnCR7
— Pragyan Ojha (@pragyanojha) February 21, 2020
ओझा ने लिखा, "मैं अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से तुरंत प्रभाव से संन्यास ले रहा हूं. भारत के लिए इस स्तर पर खेलना हमेशा से मेरा सपना था. मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि कितना खुशकिस्मत हूं कि मेरा सपना पूरा हुआ. मुझे देशवासियों का इतना प्यार और सम्मान मिला."
प्रज्ञान ओझा ने टीम इंडिया के लिए अपने खेलने का श्रेय महेंद्र सिंह धोनी को देते हुए लिखा, "'मुझे भारतीय टीम में खेलने का मौका देने के लिए मैं महेंद्र सिंह धोनी का शुक्रिया अदा करता हूं."
मजे की बात है कि सचिन का विदाई टेस्ट प्रज्ञान ओझा का भी आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ. इसके बाद उन्हें भारतीय टीम की ओर से दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला. अपने अंतिम टेस्ट में ओझा ने कुल 10 विकेट (5/40, 5/49) चटाकाए थे और प्लेयर ऑफ द मैच रहे. प्रज्ञान ओझा की फिरकी की बदौलत सचिन के उस विदाई मैच को भारत ने पारी और 126 रनों से जीता था।
बता दें कि प्रज्ञान ओझा ने 2008 में भारत की वनडे टीम में डेब्यू किया था। इसके बाद से साल 2013 तक उन्होंने तीनों फॉर्मेट के मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। सबसे तेजी से 100 विकेट चटकाने वाला भारतीय गेंदबाज थे।
दिसंबर 2014 में प्रज्ञान ओझा को संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन की वजह से प्रतिबंधित कर दिया गया था. जिसके बाद उन्हें अपने एक्शन में सुधार के लिए रिहैबिलिटेशन के दौर से गुजरना पड़ा. आखिरकार जनवरी 2015 को ओझा को दोबारा गेंदबाजी करने की अनुमति मिल गई।
24 टेस्ट मैचों में प्रज्ञान ओझा ने 113 विकेट अपने नाम किए हैं, जिसमें 7 बार विकेट और एक बार 10 विकेट उन्होंने एक मैच में चटकाए हैं। इसके अलावा 18 वनडे इंटरनेशनल मैचों में ओझा ने 21 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा है, जबकि 6 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रज्ञान ओझा ने 10 विकेट चटकाए हैं। बल्लेबाज के तौर पर उनके नाम टेस्ट मैच में 89 रन, वनडे में 46 और टी20 में 10 रन दर्ज हैं।