इस महीने बबाल के बाद भी राम रहीम की इनकम जानकर उड़ जायेंगे होश!
5 करोड़ प्रेमी होने का दावा करने वाले डेरे के तीन राज्यों में 90 लाख परमानेंट हैं, इनमें 25000 ऑफिशियल्स हैं।ये हर महीने सेवा के नाम पर 10-10 हजार रुपए देते हैं। जो कि 25 करोड़ होता है, जबकि 89 लाख 75 हजार लोग एवरेज 1000 रुपए महीने सेवा दान करते हैं।
पानीपत: साध्वियों से रेप के जुर्म में सजा काट रहा राम रहीम ने लोगों की भलाई के नाम पर गुरुओं की बनाई संस्था डेरा सच्चा सौदा को निजी कमाई का जरिया बना लिया था। बिना बैंक खाते, ट्रांजेक्शन और रिकॉर्ड के बाबा हर महीने करीब 922 करोड़ रुपए उगाही करता था। यह पैसा हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में डेरे के 90 लाख स्थाई मेंबर से सेवा के नाम पर लिया जाता था। इन मेंबर्स में 25 हजार डेरा ऑफिशियल्स भी शामिल हैं। डेरे से जुड़े एक अफसर के मुताबिक, डेरे में देश से अलग एक अनर्थ कानून है। डेरे के मुनाफे पर वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं ।
5 करोड़ प्रेमी होने का दावा करने वाले डेरे के तीन राज्यों में 90 लाख परमानेंट हैं, इनमें 25000 ऑफिशियल्स हैं।ये हर महीने सेवा के नाम पर 10-10 हजार रुपए देते हैं। जो कि 25 करोड़ होता है, जबकि 89 लाख 75 हजार लोग एवरेज 1000 रुपए महीने सेवा दान करते हैं। जो राशि 897 करोड़ बनती है। यानी हर महीने 922 करोड़ की उगाही।
डेरे का अफसर और परमानेंट मेंबर बनने के लिए कमाई का 10% हर महीने सेवा के नाम पर देना होता था। ऐसे लोग ऑफिशियल्स बनाए जाते थे जिनकी कमाई एक लाख से ऊपर हो और परमानेंट मेंबर वे बनते थे जो कम से कम 10 हजार रुपए हर महीने कमाते हों। सेवा के नाम पर दान के लिए बाबा तीन राज्यों में कॉम्पिटीशन तक करवाता था। जो राज्य आगे निकलता था, उसके ऑफिशियल्स को इवेंट पर खास अहमियत दी जाती थी।
डेरे में हर साल तीन बड़े इवेंट होते थे। 15 अगस्त को बाबा का बर्थडे, 23 सितंबर को गद्दी दिवस और शाह सतनाम जी का बर्थडे। इनमें करीब 30 लाख लोग जुटते थे। डेरे में सेक्रेटरी की पोस्ट पर रहे एक शख्स ने बताया कि जो लोग हर महीने पैसा नहीं दे सकते थे, उनसे लॉकेट पहनाकर काम कराया जाता था।
खरीदार, सामान और कीमत सब डेरा ही तय करता
राज्य के सभी जिले में 5 अफसर समेत 61 मेंबर की कमेटी बनाई जाती थी। जिनमें डिस्ट्रिकिट हेड, जनरल सेक्रेटरी, कैशियर, सेक्रेटरी और असिस्टेंट सेक्रेटी शामिल हैं। इसके अलावा एक टीम 11 मेंबर वाली और एक 45 मेंबर वाली बनाई जाती है। यह टीम नाम चर्चा घरों के लिए मेंबर जोड़ने और डेरे का प्रचार-प्रसार करती है। ये वो ऑफिशियल्स होते हैं जो हर महीने सेवा के लिए दान करते हैं।
नाम चर्चा घरों से वीकली आता था पैसा
हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के जिलों में 300 से ज्यादा नाम चर्चा घर हैं। वहां हर रविवार को बाबा की नाम चर्चा होती थी। यह जिले के 63 लोग कराते थे। नाम चर्चा के दौरान डेरा प्रेमी श्रद्धा के मुताबिक, 10, 20 व 50 रुपए दान करते थे। यहां प्रेमियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को लाने के लिए समझाया जाता था।
1000 रुपए में सब्जी का एक पीस
डेरे में इवेंट के दौरान वहां उगाए गए ऑर्गेनिक फल व सब्जियां प्रेमियों को बेची जाती थीं। बाबा अक्सर खेतों में ट्रैक्टर चलाते, कुदाल चलाते देखा जाता था। इसलिए बाजार में 10 से 20 रुपए किलो मिलने वाला लौकी, गिलकी, मिर्च और दूसरी सब्जियां यहां 500 से 1000 रुपए प्रति पीस प्रसाद के रूप में बिक जाती थीं।
बड़ी कमाई के 3 आसान रास्ते
11 हजार और 5100 रुपए में MSG किट
ऑफिशियल्स और परमानेंट मेंबर्स को हर महीने डेरे से एमएसजी प्रोडक्ट की एक किट भेजी जाती है। ऑफिशियल्स के लिए किट 11 हजार और परमानेंट मेंबर्स के लिए 5100 की होती है। इन लोगों को हर महीने इसका पेमेंट करना ही होता है।
डेरे में फूडिंग-लॉजिंग का डायनमिक सिस्टम
संगत के बाद डेरे में एक बार दाल और रोटी का प्रसाद दिया जाता था। इसके बाद पैसा देकर टोकन से खाना मिलता था।गरीब तबके के लोग तो डेरे में चादर बिछाकर सो जाया करते थे, लेकिन ज्यादा पैसा खर्च कर पाने वालों के लिए रहने खाने का अलग इंतजाम है।डिमांड के मुताबिक, कमरों का रेट घटता-बढ़ता रहता था। एक हजार से 50 हजार रुपए तक कमरे और बंगले किराए पर उठाए जाते थे।
बाबा के यूज्ड कपड़ों और गाड़ियों की लाखों नीलामी
डेरे में इवेंट के दौरान बाबा के पहने हुए कपड़े, जूते, कुर्सी व यूज्ड गाड़ी की नीलामी होती थी।हाल ही में सुसाइड करने वाले डेरा प्रेमी दादरी के रहने वाले सोमबीर की पत्नी चित्रा ने बताया है कि बाबा की एक चमकीली ड्रेस सोमबीर ने बोली लगा कर 6 लाख रुपए में खरीदी थी।
ऐसे हो रही 922 करोड़ की उगाही
5 करोड़ प्रेमी होने का दावा करने वाले डेरे के तीन राज्यों में 90 लाख परमानेंट हैं, इनमें 25000 ऑफिशियल्स हैं।ये हर महीने सेवा के नाम पर 10-10 हजार रुपए देते हैं। जो कि 25 करोड़ होता है, जबकि 89 लाख 75 हजार लोग एवरेज 1000 रुपए महीने सेवा दान करते हैं। जो राशि 897 करोड़ बनती है। यानी हर महीने 922 करोड़ की उगाही।
आपको बता दें कि इतना सब कुछ होने के बाद भी हम जागरूक नहीं हो पा रहे है आखिर क्यों? जबकि इन सभी बाबाओं को भी फर्जी बाबा करार दिया जा चूका है।