चेन्नई : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन पर सालभर बाद भी शंका का दौर जारी है। अब जयललिता की मौत के मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक जांच आयोग पिछले साल उनके अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थितियों और उसके बाद के इलाज पर गौर करेगा।
राज्य सरकार ने कहा है कि आयोग तीन महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। 27 सितंबर को एक लोक (एससी) विभाग द्वारा जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव ने जांच आयोग अधिनियम,1952 की प्रासंगिक धाराओं के तहत आयोग को यह जिम्मेदारी सौंपी है।
आयोग के मुताबिक जांच आयोग को तीन महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करनी होगी और रिपोर्ट (अंग्रेजी और तमिल दोनों भाषाओं में) सरकार को सौंपनी होगी। आदेश में आयोग के गठन के उद्देश्य के बारे में कहा गया है "दिवंगत माननीय मुख्यमंत्री (जयललिता) के 22/9/2016 को अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थितियों व हालात और उसके बाद पांच दिसंबर 2016 को उनके निधन तक किए गए इलाज की जांच करने हेतु।"
बता दें अन्नाद्रमुक के ओ.पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले गुट ने मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले गुट में विलय से पहले यह जांच कराने की शर्त रखी थी। इन दोनों गुटों का विलय 21 अगस्त को हुआ था। राज्य सरकार ने सोमवार को जयललिता के मौत के मामले की जांच करने और रिपोर्ट देने के लिए एक जांच आयोग के गठन की घोषणा की थी।