Budget 2024: किराए पर घर लेने वाले हो जाएं अलर्ट, हो गया बड़ा बदलाव

Budget 2024: अगर आप भी किराए के मकान में रहते हैं या फिर रहने की तैयारी कर रहे हैं तो इस बार बजट में किराएदारों को लेकर बड़ा ऐलान हुआ है. आइए जानते हैं इस ऐलान का आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा?

Update: 2024-08-02 08:59 GMT

Budget 2024: नौकरी पेशा हों या फिर छोटे कारोबारी देशभर में कई लोग किराए के मकान में ही रहते हैं. बीते कुछ वर्षं में जिस तरह प्रॉपर्टी के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिली है उससे किराएदारों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं क्योंकि जैसे-जैसे प्रॉपर्टी के दामों में इजाफा हुआ है वैसे-वैसे मकान मालिकों ने किराए में भी बढ़ोतरी कर दी है. अब मकान मालिकों को लेकर इस बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बड़ी घोषणा कर दी. इस घोषणा का असर न सिर्फ मकान मालिकों पर पड़ेगा बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से इसकी चपेट में किराएदार भी आ जाएंगे. आइए जानते हैं कि इस बार बजट में ऐसा क्या ऐलान हुआ जिसने किराए पर मकान देने वालों और लेने वालों दोनों की मुश्किल बढ़ा दी.

बजट में ऐलान से बढ़ेगी मुश्किल

बजट 2024 में इस बार मकान मालिकों के लिए एक खास ऐलान किया गया है. इसके तहत अब मकान मालिक पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा. हालांकि ये उन मकान मालिकों के लिए परेशानी है जो अपना घर किराए पर देते हैं. इन मकान मालिकों को अब रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज पर होने वाली रेंटल आय को अब इनकम ऑफ हाउस प्रॉपर्टी के तौर पर ही दिखाना होगा. ऐसे में मकान मालिक जो अब तक अपने मकान से होने वाली आय को बिजनेस एंड प्रोफेशन में डालकर टैक्स बचा लेते थे वह अब ऐसा नहीं कर पाएंगे. ऐसे में उन पर अधिक टैक्स की मार पडे़गी.

किराएदार के लिए कैसा असर

बजट में हुए ऐलान का असर किराएदार पर भी पड़ेगा. हालांकि इस दोनों तरह के असर होंगे. अच्छा भी और बुरा भी. आइए समझते हैं कि ये दोनों असर कैसे होंगे? इस ऐलान से साफ जाहिर है कि अगर मकान मालिक अपना टैक्स नहीं बचा पाएगा तो वह किराए भी मार्केट के मुताबिक ही वसूल करेगा. ऐसे में किराएदार पर ज्यादा किराए की मार पड़ सकती है. यानी किराएदार को इस बदलाव के बाद तैयारी कर लेना चाहिए उसकी जेब ज्यादा ढीली होगी.

ऐसे मिलेगा फायदा

टैक्स एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे किराएदार को फायदा भी होगा. इसे ऐसे समझें. अब तक मकान मालिक अपना टैक्स बचाने के लिए मकान किराए पर तो मार्केट वैल्यू के आस-पास देता था, लेकिन एग्रीमेंट में उतनी ही राशि दिखाई जाती थी जितने में टैक्स न लगे. यानी 1 लाख से कम. अब जब किराएदार आईटीआर भरता था तो वह 99 हजार तक ही रेंट दिखाकर रिबेट ले पाता था.

लेकिन नए ऐलान के बाद मकान मालिक को अपनी इनकम ऑफ हाउस प्रॉपर्टी के तौर पर ही दिखानी है. ऐसे में उसे अपना किराया आईटीआर में दिखाना ही होगा. ऐसे में किराएदार के लिए यह अच्छा होगा कि वह जितना किराया दे रहा है उतना ही अपनी आईटीआर फाइल में दिखाकर रिबेट ले सकेगा.

ऐसे में बजट में हुए इस ऐलान का किराएदार पर अच्छा और बुरा दोनों ही तरह का असर पड़ने वाला है. अब अगर आप भी किराए का मकान लेने की तैयारी कर रहे हैं या फिर रह रहे हैं तो अपनी कैलकुलेशन लगाना शुरू कर दें. नए वित्तीय वर्ष में नियमों में अहम बदलाव होने वाला है.

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