महाशिवरात्रि पर बन रहा 5 ग्रहों का महासंयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि
फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का रूद्राभिषेक करने से हर मनोकामना पूरी होती है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर दूध, चंदन, भस्म, भांग, धतूरा इत्यादि कई वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं.
भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन उत्सव को महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाते हैं। इस दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 1 मार्च, मंगलवार को है। भोलेनाथ को समर्पित महाशिवरात्रि के दिन पंचग्रही योग बनने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। जानिए भगवान शंकर की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त-
ग्रहों का शुभ संयोग-
महाशिवरात्रि पर इस साल ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। मकर राशि के बारहवें भाव में पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है। इस राशि में मंगल, बुध, शुक्र, चंद्रमा और शनि विराजमान होंगे।
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2022-
महाशिवरात्रि के दिन सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से दोपहर 02 बजकर 53 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। शाम 05 बजकर 48 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा।
महाशिवरात्रि पूजा विधि-
1. मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि जालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
2. महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।
3. शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का पूजा निशील काल में करना उत्तम माना गया है। हालांकि भक्त अपनी सुविधानुसार भी भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।