Dussehra: दशहरा पर इस पक्षी के दर्शन मात्र से चमक जाती है किस्मत, जानें क्या है मान्यता
आज दशहरा का पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है। इस पर्व को लेकर मान्यता है कि एक पक्षी को देखने से शुभ होता है। आइए जानते हैं...
Dussehra 2023: असत्य पर सत्य की जीत का पर्व महापर्व विजयदशमी आज देश के कोने कोने में मनाया जा रहा है। हर शहर में रावण पुतले के जलाने के लिए खास तैयारियां की गई हैं। उत्तर प्रदेश में भी आज दशहरे का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सनातन संस्कृति में मनाए जाने वाले इस त्योहार को लेकर अनेक मान्यताएं और परंपराएं भी हैं। इसी क्रम में विजयदशमी के दिन इस खास पक्षी के दर्शन से हर मनोकामनाएं पूर्ण होने की भी मान्यता है।
कौन से पक्षी के दर्शन करना माना जाता है शुभ
काशी के एक विद्वान बताते हैं कि विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लेकिन इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने से मनुष्य को सभी मनोकामनाओं की प्राप्ति होती है। इसके पीछे हमारे धर्म ग्रंथ में उल्लेख है कि रावण का वध करने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था। इसके बाद श्री राम ने भगवान शंकर की पूजा की थी और भगवान शंकर ने विजयदशमी के दिन ही उन्हें नीलकंठ पक्षी के रूप में दर्शन दिया था। जिससे उन्हें लगे ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी। इसीलिए कहा जाता है कि विजयदशमी के दिन जो भी व्यक्ति नीलकंठ पक्षी का दर्शन करता है उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और वह जीवन में उन्नति करता है।
शमी और अपराजिता का पूजन भी देता है विशेष महत्व
काशी के ज्योतिषाचार्य ने आगे यह जानकारी दी कि विजयदशमी के दिन शमी पेड़ का विधि विधान से पूजन करने और अपराजिता के पूजन का भी विशेष महत्व है। अगर किसी भी व्यक्ति द्वारा दशहरे के दिन शमी के पेड़ का पूजन किया जाता है तो उसे आरोग्य धन वैभव की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अपराजिता के पूजन करने से व्यक्ति कभी भी पराजित नहीं होता है वह अजेय रहता है।
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