Twitter के पूर्व CEO जैक डोर्सी के गंभीर आरोपों को केंद्र सरकार ने बताया झूठा, दिया ये जवाब!
ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के बयान के बाद भारत में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है.
Jack Dorsey Twitter: ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के बयान के बाद भारत में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के भारत द्वारा दबाव वाले दावे पर सरकार का बयान सामने आया है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जैक डोर्सी के आरोपों को झूठा करार दिया है. उन्होंने कहा, शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है. डोर्सी और उनकी टीम के तहत ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था.
बता दें कि ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी ने आरोप लगाया था कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार की ओर से कई अकाउंट्स को ब्लॉक करने की मांग की गई थी. इस दौरान हमारे कुछ कर्मचारियों के घरों पर छापा मारा गया और कहा गया कि अगर आप पालन नहीं करते हैं तो हम आपके कार्यालय बंद कर देंगे.
जैक डोर्सी के आरोपों के बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, मोदी सरकार ने किसानों और किसान आंदोलन के दौरान अकाउंट्स को बंद करने के लिए ट्विटर को मजबूर किया, सरकार या ट्विटर की आलोचना करने वाले पत्रकारों के अकाउंट को बंद करने का दवाब बनाया और कंपनी के कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की धमकी दी. यह बात ट्विटर के सह संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी ने एक टीवी इंटरव्यू में मानी है. क्या, जवाब देगी मोदी सरकार?
किसान नेता राकेश टिकैत ने क्या कहा?
डोर्सी ने क्या कहा था?
दरअसल, एक इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें विदेशी सरकारों के किसी दबाव का सामना करना पड़ा? डोर्सी ने भारत का उदाहरण दिया और कहा, उदाहरण के लिए भारत, भारत उन देशों में से एक है, जहां किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी मांगें आ रहीं थीं, कुछ खास पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे, उनके बारे में. एक तरह से हमसे कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे, आपके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारेंगे, जो उन्होंने किया. अगर आप हमारी बात नहीं मानेंगे, हम आपके ऑफिस बंद कर देंगे और ये भारत में हो रहा था, जो लोकतांत्रिक देश है.
बता दें कि कई राज्यों के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में नवंबर 2020 से एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को समझाने में विफलता को स्वीकार किया और उनसे अपने साल भर के विरोध को बंद करने की अपील की. सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया.