आगरा की भीड़ भरी कचहरी में दिन दहाड़े बार काउंसिल के अध्यक्ष दरवेश यादव की गोली मारकर हत्या

उत्तर प्रदेश में कानून वयवस्था की उडी धज्जियां.

Update: 2019-06-12 17:05 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. पुलिस ने मृतक की पहचान दरवेश यादव के रूप में की है और दो दिन पहले ही वह बार काउंसिल की अध्‍यक्ष चुनी गई थीं. घटना आगरा की है. पुलिस के अनुसार दरवेश की हत्या उनके ही एक सहयोगी जिसका नाम मनीष शर्मा है ने की है.

आरोपी ने दरवेश को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली है. फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. कहा जा रहा कोर्ट परिसर में दोनों के बीच किसी बात पर बहस हो गई थी जिसके बाद मनीष ने अपनी लाइसेंसी पिस्‍तौल से गोली चला दी. पुलिस के अनुसार मनीष शर्मा ने दरवेश यादव को तीन गोलियां मारी हैं. बता दें कि दरवेश यादव को उस वक्त गोली मारी गई जब वह आगरा कोर्ट परिसर में स्‍वागत समारोह में हिस्सा ले रही थीं. पुलिस ने दरवेश यादव के शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

इस पूरे मामले को लेकर आगार के पुलिस एडीजी अजय आनंद ने बताया कि दरवेश यादव की हत्या करने के बाद आरोपी मनीष ने खुद को भी गोली मारी है. अभी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपी ने दरवेश को तीन गोलियां मारी थीं. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है.



बार काउंसिल की अध्यक्ष की कोर्ट परिसर में हुई हत्या को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. बसपा प्रमुख और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस घटना के बाद एक ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी बार कौन्सिल की नवनिर्वाचित अध्यक्ष दरवेश यादव की आगरा कोर्ट परिसर में जघन्य हत्या अति-दुःखद व अति-निन्दनीय. साथ ही शामली में पुलिस द्वारा पत्रकारों की अकारण पिटाई जैसी घटनायें साबित करती हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के शासन में अराजकता व जंगलराज और भी ज्यादा बढ़ गया है.



वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने इस घटना को लेकर एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि सीएम बैठक पर बैठक कर रहे हैं. अपराधी अपराध पर अपराध! आगरा में बार काउंसिल अध्यक्ष की हत्या कानून व्यवस्था पर सुलगता सवाल. दुखद!



गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में कई आपराधिक घटनाएं हुई हैं. जिनमें रेप, हत्या और लूटपाट जैसी घटनाएं शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते दस दिनों में यूपी के अलग-अलग इलाकों में बच्चियों से रेप की वारदातें सामने आई हैं. यूपी में बिगड़ी कानून व्यवस्था के बीच विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. कुछ दिन पहले ही सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रेप पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे. उस दौरान उन्होंने कहा था कि बीते कुछ समय में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति डावांडोल हो गई है.

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बता दें कि कोर्ट में गोली मारने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले इलाहाबाद के जिला अदालत परिसर में एक वकील को गोली मार दी गई थी. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस घटना के बाद वकील उग्र हो गए थे और उन्होंने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव किया था.

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