पति-पत्नी का रिश्ता बेहद खास होता है। हर रिश्ते की तरह इस रिश्ते में भी छोटी-छोटी नोक-झोंक होना एक आम बात है। लेकिन जब छोटी-छोटी लड़ाईयां बड़ा रूप लेने लगती हैं, तो स्थिति बिगड़ जाती है। जिससे कई बार रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है। ऐसा ही मामला आगरा के कमला नगर थाने में आया है जहां पर पत्नी की शर्तों को पूरा न करना कारोबारी पति के लिए भारी पड़ गया।
मामला परामर्श केंद्र तक पहुंच गया। यहां पत्नी ने कागज पर लिखी शर्तें पति के सामने रख दीं। काउंसलिंग के दौरान पति ने शर्तें मान भी ली। मगर, पत्नी को उसकी बातों पर विश्वास नहीं था। पत्नी अपना कारोबार तक देने को राजी हो गया, लेकिन पत्नी सुलह को राजी नहीं हुई। मामले में कोई फैसला न होने पर दंपति को अगली तारीख पर बुलाया गया है।
मेडिकल कारोबार से जुड़े दंपति के बीच खर्चों को लेकर तनातनी चल रही है। पत्नी का आरोप था कि पति उसे खर्च नहीं देता है। उसने खर्चा बढ़ाने और बेटी के लिए अलग एसी लगाने की बात की, तो पति ने अनसुना कर दिया। इसी के बाद पत्नी का पारा चढ़ गया। मामला परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंच गया। काउंसलिंग के दौरान पत्नी ने कागज पर लिखी कुछ शर्तें पति के सामने रख दीं। उन शर्तों को मानने के बाद ही वह सुलह को तैयार थी।
पति का कहना था कि वह घर का हर खर्च करता है। खाना बनाने वाले से लेकर साफ सफाई और बिजली बिल तक उसके जिम्मे हैं। इसके अलावा पत्नी को पांच हजार रुपये भी देता है। इसके बाद भी उनके बीच कलह बनी हुई है। अलग से एसी की बात पर पति का कहना था कि लॉक डाउन में काम ज्यादा नहीं चल रहा है। उसे सम्भलने का समय चाहिए, फिर भी पत्नी नहीं मानती तो वह अपना एसी बेटी के लिए लगवाने को तैयार है।
पत्नी को पांच हजार की जगह सात हजार रुपये देने की शर्त को पूरा करने का भी वादा किया। काम न चलने की बात को पत्नी ने नकार दिया। पति की सारी बातों को झुठला दिया। इस पर पति ने इतना तक बोल दिया कि पत्नी चाहे तो उसका कारोबार सम्भाल ले, वह घर चला लेगा। इस पर भी पत्नी का गुस्सा शांत नहीं हुआ। मामले में कोई फैसला नहीं हो सका। केंद्र से काउंसलिंग के लिए अगली तारीख दी गई है।