योगी सरकार बाह को अटल जी के नाम पर जिला बनाने की घोषणा कर दे तो उनको सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी
रामभरत उपाध्याय
मानवजाति के विकास में मनुष्य के एकदूसरे से प्रेरणा लेने के गुण ने काफी सहयोग किया है। विज्ञान, कला व राजनीति की मशहूर हस्तियों की उपलब्धियां आने वाली अनेकों पीढ़ियों को प्रेरित करने का काम शांति से करती रहती हैं।
राजनीति की एक ऐसी ही हस्ती पूर्व प्रधानमंत्री व भारतरत्न अटलबिहारी वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ था।
ग्वालियर में बी.ए. करने के बाद कानपुर में अटल जी ने एम.ए. करके पोस्टग्रेजुएट हुये। फिर L. Lb.की पढ़ाई बीच में छोड़कर वे संघ के काम में जुट गये।
डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी व पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के निर्देशन में अटल जी ने राजनीति में अपने कदम मजबूत करते हुऐ राष्ट्रवादी कविताएं लिखना भी शुरू कर दिया। राजनैतिक यात्रा के साथ साथ उन्होंने पाञ्चजन्य, राष्ट्रधर्म, दैनिक स्वदेश व वीर अर्जुन जैसे पत्र-पत्रिकाओं के संपादन का कार्य भी पूरी निष्ठा व कुशलता से किया।
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी देश में एकमात्र ऐसे नेता हुये जो 4 राज्यों के 6 लोकसभा क्षेत्रों की नुमाइंदगी संसद में कर चुके हैं।उत्तर प्रदेश के लखनऊ व बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, मध्यप्रदेश के ग्वालियर व विदिशा एवं दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व अटल जी ने लोकसभा में बखूबी किया है।
अटल जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में ही भारत सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान, पीएम ग्राम सड़क योजना, पोखरण परमाणु परीक्षण व कारगिल विजय जैसी उपलब्धियां हासिल की हैं।
2018 में दिल्ली के एम्स में लंबी बीमारी से अटल जी के निधन के बाद भाजपा सरकार ने राजनीति के अजातशत्रु व उदारवादी लोकतांत्रिक मूल्यों के वाहक श्रद्धेय वाजपेयी जी की अस्थि कलश यात्रा के दौरान देश में विकासोन्मुखी अनेक वायदे किये उनमें अटल जी के पैतृक गांव बटेश्वर का विकास भी प्रमुख रूप से शामिल था।
चम्बल,यमुना व उटगन नदी के आंचल में फैले भदावर क्षेत्र के लोगों पर अटल जी के व्यक्तित्व का प्रभाव व लगाव सदा से रहा है। वर्तमान में इस क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए कर्मठ व जुझारू युवाओं का एक समूह ( टीम भारतीय ) बाह तहसील को जिला बनवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। आज अटल जी की दूसरी पुण्यतिथि पर यदि मोदी सरकार बाह को अटल जी के नाम पर जिला बनाने की घोषणा कर दे तो उनको इससे बड़ी श्रद्धांजलि और क्या होगी ?