द्वितीय विश्व युद्ध में असंख्य जन-धन की हानि के बाद दुनिया में सयुंक्त राष्ट्र संघ एक ताकतवर अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनकर उभरा
द्वितीय विश्व युद्ध में असंख्य जन-धन की हानि के बाद दुनिया में सुख,शांति व समृद्धि के लिए सयुंक्त राष्ट्र संघ एक ताकतवर अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनकर उभरा.
रामभरत उपाध्याय
द्वितीय विश्व युद्ध में असंख्य जन-धन की हानि के बाद दुनिया में सुख,शांति व समृद्धि के लिए सयुंक्त राष्ट्र संघ एक ताकतवर अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनकर उभरा। विगत कुछ दशकों में दुनिया में गरीबी,भूंखमरी, कुपोषण, सुरक्षा, न्याय ,समानता व पर्यावरण जैसे मुद्दों पर सयुंक्त राष्ट्र महासभा में कई बैठकें हुई हैं।
सितम्बर 2015 में 193 सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में सतत विकास के 17 लक्ष्यों को 2030 तक हासिल करने के लिए एजेंडा बना। यह एजेंडा पहली जनवरी 2016 से संघ सरकारों, राज्य सरकारों व स्थानीय सरकारों के लिए लागू कर दिया गया।
सतत विकास के लक्ष्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता, सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय विकास मुख्यतः आते हैं। सतत विकास के 17 बिंदुओं में से 15 बिंदु सीधे तौर पर पंचायत के 29 विषयों में शामिल हैं जिनपर पंचायतें कार्ययोजना बना सकती हैं।
भारत सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद अभी हम सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के पैमाने पर अग्रणी 100 देशों की सूची में भी नहीं हैं। राज व समाज के सामुहिक प्रयास बेहतर परिणाम दे सकते हैं।