चलती ट्रेन के कमोड में फंसा बच्ची का पैर, 1 घंटे दर्द से चीखती रही

आगरा में बुधवार को चलती ट्रेन में 4 साल की बच्ची का पैर टॉयलेट की कमोड में फंस गया।

Update: 2023-08-17 07:08 GMT

आगरा में बुधवार को चलती ट्रेन में 4 साल की बच्ची का पैर टॉयलेट की कमोड में फंस गया। उसके मां-पिता और यात्रियों ने पैर को निकालने की हर कोशिश की, मगर निकाल नहीं पाए। इसके बाद 20 किमी तक मासूम का पैर ऐसे ही कमोड में फंसा रहा। ट्रेन चलती रही और वह दर्द से रोती रही।

इसी बीच, ट्रेन में मौजूद किसी यात्री ने रेलवे हेल्पलाइन पर फोन करके घटना की सूचना दी। ट्रेन 30 मिनट बाद फतेहपुर सीकरी स्टेशन पहुंची। यहां आधे घंटे की मशक्कत के बाद टेक्निकल टीम ने टॉयलेट बॉक्स खोलकर बच्ची का पैर निकाला। करीब 1 घंटे तक टॉयलेट में फंसने के चलते बच्ची के पैर में गंभीर चोट आ गई।

दरअसल, बिहार के सीतामढ़ी​​​​​​ के रहने वाले मोहम्मद अली अपनी पत्नी और 4 साल की बेटी साइना के साथ बरौनी-बांद्रा अवध एक्सप्रेस में AC कोच बी-6 में सफर कर रहे थे। 15 अगस्त को सुबह ट्रेन आगरा फोर्ट स्टेशन से रवाना हुई। ट्रेन के ईदगाह स्टेशन पार करने के बाद बच्ची को टॉयलेट लगी। बच्ची की मां उसे टॉयलेट में ले गई।

मां फोन पर बात करने लगी, तभी बच्ची का पैर फंसा:

इसी बीच, मां के मोबाइल पर किसी की कॉल आ गई। वह बात करने में बिजी हो गई। मां का ध्यान बच्ची से हट गया। ट्रेन स्पीड में थी, ऐसे में हिलने के चलते बच्ची का पैर कमोड में फंस गया। बच्ची रोने लगी। पहले मां ने उसका पैर निकालने का कोशिश की। लेकिन पैर नहीं निकल सका। बच्ची की मां ने शोर मचाया। अपने पति को बुलाया। अन्य यात्री भी इकट्‌ठा हो गए।​ फिर सभी ने बच्ची का पैर निकालने की हर कोशिश की, लेकिन पैर नहीं निकल सका। ​​​​​​

दर्द के चलते बच्ची चीखती रही

कमोड में पैर फंसने के चलते बच्ची दर्द से चीख रही थी। अगला स्टेशन करीब 24 किमी दूर फतेहपुर सीकरी था। ट्रेन भी अपनी रफ्तार में दौड़ रही थी। ऐसे में माता-पिता को अनहोनी का डर सता रहा था। इसी बीच किसी यात्री ने रेलवे की हेल्पलाइन पर मदद मांगी। अगले स्टेशन पर मदद के लिए कहा गया।

करीब आधे घंटे बाद ट्रेन फतेहपुर सीकरी स्टेशन पहुंची। यहां पर RPF और GRP के जवानों ने कोच को अटेंड किया। मगर, बच्ची का पैर बुरी तरह से फंसा था। ऐसे में कमोड के नीचे लगा बायो टॉयलेट का बॉक्स खोलने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। इस बाद जवानों ने रेलवे के अधिकारियों को घटना के बारे में बताया।

आगरा से भेजी गई टीम

सूचना के बाद आगरा से टेक्निकल टीम को फतेहपुर सीकरी स्टेशन भेजा गया। टीम ने करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद बॉक्स खोलकर बच्ची के पैर को बाहर निकाला। इस दौरान यात्रियों की भीड़ लग गई। बच्ची के पैर में चोट लगने की आशंका के चलते पहले से ही स्वास्थ्य केंद्र से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एम्बुलेंस को बुला लिया गया। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने बच्ची के पैर में पट्‌टी बांधी। फिर करीब 1 घंटे बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई।

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