अलीगढ़। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष डा रक्षपाल सिंह चौहान ने राज्य के चिकित्सा घोटाले की खुली जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि विगत 6 माह से अधिक समय से देश के लगभग सभी प्रदेशों में कोरोना नामक महामारी के वायरस ने अपने पैर पसार लिये हैं । नतीजतन आज वह भयावह रूप धारण कर चुकी है जिसकी वज़ह से अब तक 50 लाख 20 हजार 359 लोग उसकी गिरफ्त में आ चुके हैं और 82 हजार 066 अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि उत्तर प्रदेश की अफसरशाही ने इस महान आपदा में भी कमाई के अवसर तलाश लिये हैं।
दरअसल कोरोना वायरस के टैस्ट में प्रयोग होने वाले इन्फ्रारेड थर्मामीटर एवं पल्स औक्सीमीटर दोनों बिना टेंडर के 2000 रु की जगह मनमाने तरीके से 2800 रु से लेकर 9000 रु तक में खरीदे गये हैं। इस तरह उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने कोरोना आपदा को भी कमाई के अवसर में बदल लिया है।
यह देखकर दुख होता है कि इस वैश्विक महामारी के समय में भी देश की सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की ऐसी घृणित एवं निम्न मानसिकता है। इसके चलते प्रदेश सरकार द्वारा राज्य स्तर पर हुए इस आर्थिक घोटाले के खिलाफ एस आई टी की जांच बिठाना उचित ही है, और राज्य सरकार का यह कदम सराहनीय भी है। लेकिन नौकरशाही के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत तो कोई देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व• चौधरी चरणसिंह जैसा ईमानदार एवं सच्चा राष्ट्र नायक ही जुटा सकता है। होना तो यह चाहिए कि इस घोटाले की खुली जांच हो ताकि जनता के सामने उनके चेहरे से नकाब हट सके। तभी पारदर्शिता का दावा सच साबित होगा। अन्यथा इस जांच की रिपोर्ट भी इतिहास में हुई जांच की तरह ठंडे बस्ती में डाल दी जायेगी।