अजय सिंह सिपाही जनपद न्यायालय में पेशी के बाद पुलिस को चकमा देकर बाइक से भाग निकले
अंबेडकरनगर। माफिया सरगना अजय सिपाही की गिरफ्तारी के लिए लगभग सौ पुलिसकर्मियों की घेराबंदी सोमवार को काम नहीं आई। पूर्व ब्लाॅक प्रमुख व माफिया अजय सिंह सिपाही जनपद न्यायालय में पेशी के बाद पुलिस को चकमा देकर बाइक से भाग निकला। पुलिस टीम इस पर हाथ मलती रह गई। हालांकि पुलिस प्रशासन का कहना है कि गिरफ्तारी होनी ही नहीं थी। सिर्फ सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था के लिए यह प्रबंध किए गए थे।
माफिया सरगना खान मुबारक तथा अजय सिंह सिपाही पर शिकंजा कसने का निर्देश बीते दिनों जिले के दौरे पर पहुंचे आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार ने दिया था। आईजी का कहना था कि बदमाशों को जेल में रखा जाए जिससे आम लोग सुरक्षित रह सकें। हरदोई जेल में बंद खान मुबारक के गुर्गों पर इसके बाद से कार्रवाई शुरू हो गई। एक दिन पहले ही उसके एक गुर्गे मोहम्मद यहिया को कट्टा व कारतूस के साथ गिरफ्तार होने के बाद जेल भेज दिया गया। पुलिस ने इसके साथ ही अजय सिपाही व गैंग पर भी नजर केंद्रित कर दी।
इसी क्रम में सोमवार को जनपद न्यायालय में माफिया अजय सिंह सिपाही के पेशी पर आने के चलते पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तारी की कार्ययोजना तैयार कर ली। हालांकि अधिकृत तौर पर तो कुछ नहीं कहा गया लेकिन सुबह से ही सीओ भीटी शुभम कुमार व एसओ महरुआ गजेंद्र विक्रम सिंह महरुआ थाने की फोर्स के अलावा एक प्लाटून पीएसी तथा पुलिस लाइन से अतिरिक्त पुलिसकर्मी लेकर जनपद न्यायालय के निकट डट गए।
पूर्व ब्लाॅक प्रमुख सुभाष सिंह की हत्या मामले में पेशी पर पहुंचे अजय सिपाही ने पुलिस प्रशासन की यह तैयारी देखी तो कोर्ट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चकमा देकर भाग निकला। बताया जाता है कि अजय सिपाही ने अपने चार पहिया वाहनों को छोड़ दिया और अपने एक साथी के साथ बाइक पर बैठकर वहां से चला गया। पुलिसकर्मियों को इसकी जानकारी हुई तो वे सन्न रह गए। दरअसल पुलिस टीम इस तैयारी में थी कि पेशी के बाद जब अजय सिपाही मुख्य गेट से निकलकर अपने वाहन पर बैठेगा उसी समय गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
फर्जी मामले में फंसाने का आरोप
पूर्व ब्लाॅक प्रमुख व माफिया अजय सिपाही के परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य व परिवार की सदस्य शालिनी सिंह ने कहा कि अजय सिंह सिपाही द्वारा लगातार कानून का पालन किया जा रहा है। इसी के चलते वे लगातार न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं। सभी मामलों में उन्हें जमानत मिली हुई है। कोर्ट में होने वाली पेशी पर वे बिना किसी हिचक के शामिल हो रहे हैं। इसके बाद भी पुलिस प्रशासन उन्हें फर्जी मामले में फंसाने का प्रयास कर रहा है, यह अनुचित है। कहा कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री व मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजकर की जा रही है। जिस तरह भारी पुलिस बल लगाकर अनावश्यक गिरफ्तारी का प्रयास किया गया वह न्याय को कुचलने के समान है। इसका पूरा विरोध किया जाएगा।