दावा:महादेव के इस धाम में बदलता रहता है शिवलिंग का रंग,और मूर्ति से निकलता है पानी
राम मिश्रा,अमेठी :भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है जिसके कारण विभिन्न राज्यों में सामाजिक आर्थिक और धार्मिक विविधताएं देखने को मिलती है भारत में विभिन्न धर्म और संस्कृति के लोग पारस्परिक समभाव के साथ रहते हैं इसके साथ ही भारतीय जादू-टोना चमत्कार अंधविश्वास आदि में विश्वास करते हैं लेकिन वास्तव में जादू-टोना और चमत्कार होते हैं या नहीं इसके बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है।
कुछ लोग मानते हैं कि ईश्वर का अस्तित्व है लेकिन कुछ लोग इसे नहीं मानते हैं लेकिन जब हम कुछ ऐसी घटना देखते हैं या उसका सामना करते हैं तो हमें महसूस होता है कि वास्तव में ईश्वर का अस्तित्व है और वह हमारे आस-पास मौजूद हैं आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में महादेव के एक पौणारिक धाम में शिवलिंग के रंग बदलने और भगवती पार्वती के मूर्ति से पानी निकलने का दावा किया जा रहा है ।
मुसाफिरखाना विकास अन्तर्गत पिंडारा गाँव
में स्थित महादेवन धाम के पुजारी बाबा श्याम लाल गिरि ने बताया कि आदि गुरु शंकराचार्य ने करीब 5 वीं शताब्दी में इस मंदिर की स्थापना की थी इसीलिए यह मंदिर सदियों पुराना है तब से आज तक इस मंदिर में उन्हीं के परिवार के सदस्य पुजारी बनते रहे हैं यह मंदिर साधना के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ पर हर साधकों की मनोकामना पूरी होती है ।
पुजारी का दावा-
श्याम लाल गिरि का दावा है कि मंदिर में स्थित पुराना शिवलिंग दिन में कई बार अपना रंग बदलता है और बगल में ही स्थित माँ पार्वती की मूर्ति के गले से जल निकलता है जो आदि काल से ही अनवरत निकल रहा है । शिवरात्रि के शुभ अवसर पर श्रद्धालु मॉ पार्वती और भगवान भोले नाथ का गठबंधन कर विवाह का आयोजन करते है । पुजारी का दावा है कि योगीराज श्री कृण्ण ने भी इस स्थल पर भगवान भोलेनाथ की तपस्या की थी महंत ने बताया कि तुर्क मो गाजी ने इस मंदिर पर हमलाकर मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश भी की थी लेकिन वह नाकाम रहा ।
बता दे कि इस मंदिर में नन्दी,काल भैरव आदि की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं और श्रवण मास एवं शिवरात्रि के अवसर पर विशेष तौर पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है ।हालाँकि मंदिर के पुजारी श्याम लाल गिरि के दावे की पुष्टि हम नही करते लेकिन यह भी एक तथ्य है कि कई भक्त भगवान भोलेनाथ और मॉ पार्वती देवी से आशीर्वाद लेने के लिए लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े रहते हैं,जो इस पौराणिक मंदिर के प्रति उनकी असीम भक्ति को दर्शाता है ।