राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय पर अमेठी में छापा, दिल्ली में गरमाई सियासत जबकि डीएम ने बताया असत्य एवं निराधार

प्रशासन की इस कार्रवाई पर कई कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए.

Update: 2020-04-20 02:39 GMT

उत्तर प्रदेश के अमेठी में प्रशासन ने रविवार को राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय में पर छापा मारा, जिसके बाद इसपर राजनीति तेज हो गई. प्रशासन की इस कार्रवाई पर कई कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए. छापे के दौरान कार्यालय में रखी राहत सामग्रियों की जांच भी की गई.

खबरों के मुताबित रविवार को तहसीलदार और जिले के कुछ अधिकारी पुलिस के साथ गौरीगंज में कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए. इसके बाद वे लोग राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय गए और वहां रखी राहत सामग्री की जांच की. हालांकि सामग्री की जांच पड़ताल करने के बाद टीम वहां से चली गई.

'कांग्रेस की मदद नहीं हो रही हजम'

इसके बाद कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा, "अमेठी में कोरोना पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण. गौरीगंज जिला कांग्रेस कार्यालय में बिना कारण व बिना वारंट प्रशासन छापा डालने पहुंचा. शायद राहुल गांधी व कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरफ से अमेठी की जनता को दी जा रही मदद योगी सरकार को हजम नही हुई. राजनीति छोड़ें, मिल कर मदद करें."



अजय कुमार बोले, 'स्मृति ईरानी जी की झुंझलाहट का नतीजा'

वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू  ने भी इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, "अमेठी में कांग्रेस कार्यालय पर छापा अमेठी सांसद स्मृति ईरानी जी की झुंझलाहट का नतीजा है. ऐसे वक्त में अमेठी के जरूरतमंदों की सेवा करनी चाहिए थी. वहां सांसद महोदया अन्ताक्षरी खेल रही हैं और जब कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी लगन से अमेठी की सेवा कर रहा है तो यह बात उनके गले नहीं उतर रही."


जबकि अमेठी के जिलाधिकारी ने इस खबर के बारे में जानकारी देते हुए बताया उक्त प्रकरण में एसडीएम गौरीगंज से जांच कराई गई, छापेमारी की खबर असत्य एवं निराधार है।



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