राम मिश्रा अमेठी:कुछ वर्षों पूर्व यूपी माध्यमिक शिक्षा के राज्य मंत्री ने एक कार्यक्रम में चिंता जताई थी कि पहले शिक्षा में चिंतन हुआ करता था,फिर शिक्षा का स्वरूप बदला और शिक्षा चिंता बन गई,जो अब पूरी तरह से चिता बन चुकी है इस कथन की हकीकत तलाशने गुरुवार को Special Coverage News की टीम ने सरकारी स्कूल में चिंतन,चिंता और 'चिता' की तलाश की वास्तव में जो दिखा और सुना उसके बाद तो यही कहा जा सकता है कि आज भी सूबे की शिक्षा चिता पर ही है और मंत्रीजी का कथन सोलह आने सच था।
सर्व शिक्षा अभियान' की खुली पोल-
देश में एक भी बच्चा अनपढ़ नहीं हो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत भी थी वहीं,गांवो में खुले सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र -छात्राओं के सामान्य ज्ञान से लेकर सब्जेक्ट पर पकड़ ऐसी कि कोई भी शिक्षित व्यक्ति शर्मिंदा हो जाए। सर्व शिक्षा अभियान की उड़ती हुई धज्जियों की कुछ तस्वीरों को देख खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे स्कूलों में पढ़ने से देश के नौनिहालों का भविष्य कितना उज्जवल होगा Special Coverage News की टीम सबसे पहले अमेठी के मुसाफिरखाना ब्लॉक के मानशाहपुर पूर्व माध्यमिक स्कूल में पहुंची इस स्कूल में हमने बच्चों से कुछ सवाल करके उनकी पढ़ाई का स्तर जानने की कोशिश की, इसके बाद जो-जो जवाब आए उससे 'सर्व शिक्षा अभियान' की पोल सामने आ गई।
मुख्यमंत्री 'नरेंद्र मोदी' और अमेठी के सांसद का पता नही -
हमने मानशाहपुर पूर्व माध्यमिक स्कूल के आठवीं में पढ़ने वाले एक छात्रा से राज्य के मुख्यमंत्री का नाम ब्लेक बोर्ड पर लिखने को कहा तो छात्रा ने जो लिखा वह हैरत में डालने वाला था छात्रा ने लिखा- मुख्यमंत्री 'नरेंद्र मोदी' हैं वहीं, जब कक्षा सात के एक छात्र से अमेठी के सांसद का नाम पूछा गया तो कुछ देर तक सोचने के बाद उसने कहा- 'पता नही' !
सबसे बड़ा सवाल-
ऐसे में खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य कितना उज्जवल हो सकता है वही विभाग के अधिकारी इस मामले में जबाबदेही से बचता नजर आया ।