तीन सौ का सफेद कुर्ता और दो सौ रूपये के जूते पहनकर सुबह से नेता जी तीन लोगों को चुनाव जितवा दिए
प्रत्याशी को गलत रिपोर्ट कर उन्हे गुमराह करने व प्रत्याशी का माल हड़पने की स्कीम बनाकर उनसे मोटी चांद काट रहे हैं। हकीकत यह है कि इन छुटभैया और कुर्ताछाप नेताओं की औकात इनके घर मे भी नही है।
देश मे वैसे तो निठल्ले लोगों की कोई कमी नही है। लेकिन जब कोई चुनाव आता हैं तो समझ लिजिये इन निठल्लों को जैसे कोई रोजगार मिल गया हो। रोजगार भी ऐसा जिसमे चांदी ही चांदी। जी हां हम बात कर रहे हैं कुछ ऐसे शहर के कुर्ताछाप और छुटभैया नेताओं की जिन्होने आज कल लोकसभा प्रत्याशियों को चुनाव जिताने का जहां ठेका ले रखा हैं। वहीं ये कुर्ताछाप और छुटभैया नेता उन प्रत्याशियों की चाटुकारिता करते देखे जा सकते हैं। उनका स्वार्थ सिर्फ एक है। मिशन सिर्फ एक है। प्रत्याशी के खज़ाने पर उनकी नजर।
कुर्ताछाप और छुटभैया नेता एक समूह के रूप मे अमरोहा मे इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। जिससे प्रत्याशी को भी लगे कि ये दमदार नेता जी हैं। ये कुर्ताछाप और छुटभैया नेता कुछ पिछ लग्गू ठलुओं को लेकर प्रत्याशी के दरबार हाजिरी लगा रहे हैं और उनको जहां चुनाव तन मन से लड़ाने का आश्वासन दे रहे हंैं वहीं अपने साथ के लोगों के खर्चे पानी की बात भी वह प्रत्याशी से सीधे तौर पर कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर चल रही ऊहा पोह मे छुटभैया और कुर्ताछाप नेता जमकर मौज उड़ा रहे हैं। प्रत्याशी से प्रचार के नाम पर जमकर बंदरबांट करने वाले छुटभैया और कुर्ताछाप नेता प्रत्याशी को बरगलाने का काम बखूबी कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव मे जहां सभी प्रत्याशी अपनी अपनी जीत के लिए जी तोड़ महनत कर मतदाताओं के द्वार पर जाकर अपने पक्ष मे मतदान करने की अपील कर रहे हैं। वहीं क्षेत्र मे कुछ छुटभैया और कुर्ताछाप नेता भी घूम रहे है।
जो कि प्रत्याशी को गलत रिपोर्ट कर उन्हे गुमराह करने व प्रत्याशी का माल हड़पने की स्कीम बनाकर उनसे मोटी चांद काट रहे हैं। हकीकत यह है कि इन छुटभैया और कुर्ताछाप नेताओं की औकात इनके घर मे भी नही है। तीन सौ का सफेद कुर्ता और दो सौ रूपये के जूते पहनकर सुबह ही नेता जी के दरबार मे हाजिरी लगाने वाले यह छुटभैया और कुर्ताछाप नेता दिन भर इधर उधर घूम प्रत्याशियों को गुमराह कर जमकर चांदी काट रहे हैं। इन छुटभैया और कुर्ताछाप नेताओं से पार्टियों के कद्दावर व वफादार समर्थकों को बेहद दिक्कत हो रही है। नाम ना छापने की शर्त पर एक पार्टी समर्थक ने बातया कि लोकसभा चुनाव निर्धारित होते ही व प्रत्याशी चयन होते ही प्रत्याशियों के ईद गिर्द दलाल किस्म के छुटभैया और कुर्ताछाप नेता प्रत्याशियों के कान मे काना फूसी काम काम करते हैं।
ऐसे छुटभैया और कुर्ताछाप नेताओं के कारण समर्थक अपने आप को अपमानित महसूस करते हैं। समर्थक ने बताया कि यह लोग प्रत्याशी को उसकी कमजोती बताने के बजाय उसको खुश और चाटुकारिता वाली बाते करते हैं। जिस कारण प्रत्याशी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। मजे की बात ये हैं कि ऐसे लोगों का जमावड़ा प्रत्याशियों के दफतरों मे देखने को खूब मिल रहा है।