अनुदेशक संघ ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम पाल सिंह को दिया मांग पत्र, पीएम मोदी से मिलेंगे 11 मई को गुजरात में
सफलता मिले या नहीं मिले,, अलग बात है, लेकिन प्रयास ना करें, गलत बात है चंद्र सेन अनुदेशक बांदा
उत्तर प्रदेश के अनुदेशक किसी भी अपनी फ़रियाद को पीएम मोदी और सीएम योगी तक पहुंचाने के लिए तत्पर रहता है। अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने आज अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम पाल सिंह दद्दा जी से मुलाकात करने अपने संघ के साथी अनुदेशक को उनके घर भेजा। आने वाली 11 मई को पीएम मोदी से रामपाल ददा जी की मुलाकात होगी जिसमें अनुदेशक की बात रखने के लिए अपना मांग पत्र उन्हे सौंपा।
अनुदेशक चंद्र सेन ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम पाल सिंह दद्दा जी को अपना मांग पत्र देते हुए अनुरोध किया कि जब आप पीएम मोदी से मिलें तो अनुदेशक की बात जरूर करें। अनुदेशक की बात करने का रामपाल सिंह ने वादा भी किया है। रामपाल सिंह आगामी 11 मई को गुजरात में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षक संघ के अधिवेशन में विशिष्ट अतिथि के रूप में देश के प्रधान सेवक से रूबरू होने के लिए शिक्षकों के समस्या एवं उन्मुखीकरण हेतु आमन्त्रित है।
चंद्र सेन बताया कि राम पाल जी के छोटे पुत्र आनन्द पटेल जी वर्तमान निवास मलेशिया ऐशिअन राष्ट्रीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष है जो इस अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे हैं। इनसे मुलाकात करने का प्रमुख उद्देश्य अनुदेशक नियमितीकरण की आवाज़ प्रधान सेवक तक सीधे पहुचाने हेतु चर्चा में अग्रसर हुए। हलाकि दद्दा जी इन मुद्दों से पूर्ण अवगत होते हुए हमारी मांग अधिवेशन में रखने हेतु सहमत हुए साथ ही प्रदेश सरकार एवं दिल्ली तक हमारी बात पहुचाने हेतु प्रखरता से अश्वत हुए,, साथ ही हमारे मांग पत्र को लेकर सीधे प्रधान सेवक तक पहुचाने के लिए आश्वासन दिऐ।
चंद्र सेन ने कहा कि मित्रों आज के समय में संघर्ष के दौर में सफलता का एक मात्र रास्ता नहीं हो सकता,, जब हमें गुजरात अधिवेशन में दद्दा की आगवानी एवं बांदा में उपस्थिति होने की सूचना मिली हमें लगा प्रयास किया जाना चाहिए।
बता दें कि अनुदेशक चंद्र सेन का प्रयास एक अच्छा प्रयास है उनका मानना है कि इस तरह अनुदेशक की बात पीएम मोदी तक जरूर पहुँच जाएगी, वहीं विक्रम सिंह ने कहा कि मेरी हर तरफ से यही ख्वाहिश है कि हमारे अनुदेशक साथियों को न्याय किस तरह मिले। हालांकि अभी तक किये गए प्रयास सही रास्ते की ओर है लेकिन जब तक कोई सार्थक परिणाम नहीं आता है तब तक कोई भी बात कहना जल्दवाजी होगी।
पढिए पूरा मांग पत्र