2.70 करोड़ लेकर कंपनी फरार, 10 पर केस
Company absconded with 2.70 crores, case on 10
बाराबंकी; ब्लू मार्ट में निवेश के बदले कमीशन व वेतन देने के नाम पर सैकड़ों लोगों से दो करोड़ 70 लाख रुपये जमा करवा लिए गए। आरोप है कि रुपये लेकर कंपनी के पांच निदेशक समेत 10 लोग कंपनी के कार्यालय में ताला लगाकर व मार्ट बंद कर भाग गए। कंपनी के ही एक एजेंट की गुहार पर अदालत के आदेश पर 10 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस देवा कोतवाली में बृहस्पतिवार शाम दर्ज किया गया।
देेवा क्षेत्र के मामापुर गांव निवासी मो. अहमद ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वह लखनऊ के नीलगिरी कांप्लेक्स इंदिरानगर में ब्लू धौ ट्रेडिंग कंपनी व ब्लू मार्ट में एजेंट के तौर पर कार्य करता था। यहीं पर कंपनी के निदेशक प्रवीन कुमार वर्मा, प्रमोटर प्रमोद वर्मा समेत कंपनी के कई अन्य लोगों ने बताया कि लखनऊ व बाराबंकी के मार्ट में पैसे निवेश करने पर पांच प्रतिशत कमीशन च अच्छा वेतन दिया जाएगा। इस पर मो. अहमद ने करीब 70 लाख रुपये का निवेश करवाया। कुछ दिन भुगतान करने के बाद कंपनी के अन्य लोगों ने मिलवाकर और निवेश की बात कही।
अहमद ने अदालत को बताया कि विश्वास करके उसने अपने रिश्तेदारों व परिचितों से करीब दो करोड़ रुपये का निवेश कंपनी में करवा दिया, लेकिन दो-तीन माह बाद कंपनी के लोग भुगतान में आनाकानी करने लगे। पता चला कि ब्लू मार्ट का सारा माल दूसरे निजी माल में स्थानांतरित करवा दिया गया है और सभी निदेशक कंपनी के कार्यालय में ताला लगाकर फरार हो गए। ऐसी हालत में निवेशक भी उसे परेशान कर रहे हैं। चार-पांच अज्ञात लोगों की ओर से धमकी दी जा रही है। अदालत के आदेश पर देवा कोतवाली में सभी आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है। एसएचओ देवा पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अदालत के आदेश पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है। आरोपियों से पूछताछ के लिए खोजबीन शुरू कर दी गई है।
मुकदमे में आरोपी बनाए गए कंपनी के संरक्षक दिलीप शा, निदेशक सुब्रता मुखर्जी, सागर घोष व अर्पिता गेरई पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, जबकि बाकी लोग जिले के ही निवासी हैं। ब्लू मार्ट पहले भी इसे लेकर विवादों में रहा है।