आईपीएस विनीत जायसवाल बने चंदौली के पुलिस कप्तान, जानिए कौन है?
IPS Vineet Jaiswal became the police captain of Chandauli
उत्तर प्रदेश में देर रात 14 आईपीएस अफसरों के तबादले हो गए। इनमें कई जिलों के पुलिस कप्तान बदले गए। जिसमें लखनऊ कमिश्नरी में तैनात डीसीपी विनीत कुमार जायसवाल को चंदौली जिले का पुलिस कप्तान नियुक्त किया गया है।
कौन है विनीत जायसवाल?
विनीत जायसवाल मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं। विनीत ने कुशल नेतृत्व और मधुर व्यवहार से जिस तरह की पुलिसिंग अब तक की है, वह हर किसी को प्रभावित करती है। अपनी वर्दी और ड्यूटी के प्रति विनीत जायसवाल का परायणता और कर्मठता काबिले-तारीफ है। इसकी प्रेरणा उन्हें अपने पिता श्री राधेश्याम जायसवाल से मिली है जो जेल अधीक्षक रहे हैं। यही वजह है कि विनीत ने शिक्षा के दौरान ही खाकी वर्दी पहनने को अपना लक्ष्य बना लिया था। और, वह मैनेजमेंट व इंजीनियर के क्षेत्र में अच्छे अवसरों को छोड़कर पुलिस सेवा में आए हैं।
विनीत जायसवाल ने नोएडा में जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्नीकल एजुकेशन से कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया, जिसके बाद इंफोसिस ज्वाइन की। इसी बीच आईआईएम, केरल में भी उनका चयन हो गया, लेकिन उन्होंने तो पुलिस सेवा में जाने का सपना देखा था जिसे पूरा करने के लिए 2011 से तैयारी शुरू की। लगातार दो असफलताओं के बाद तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता प्राप्त हुई और वह आईपीएस अधिकारी बन गए।
पुलिस अकादमी में ट्रैनिंग के उपरांत विनीत जायसवाल को अंडर ट्रेनी अफसर के रूप में आगरा में तैनात किया गया। आगरा में थाना इंचार्ज रहते हुए उन्होंने कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर हलचल मचा दी थी। आगरा के बाद उन्होंने इलाहाबाद, इटावा, गौतमबुद्धनगर औऱ नोएडा में विभिन्न जिम्मेदारियों पर रहते हुए अपनी खास कार्यशैली से कामयाबी हासिल की।
विनीत जायसवाल ने नोएडा में एसपी सिटी के कार्यकाल में कई काम किए जो आज तक चर्चा का विषय बना हुआ है। छात्राओ की सुरक्षा को लेकर रेड कार्ड आज भी चल रहा है। अवैध काम करने वालों पर तो पहाड़ बनकर टूट पड़े थे।
उसके बाद शामली जैसे संवेदनशील जनपद में एक सुंदर कार्यकाल जिसे जनता आज भी याद करती है। उसके बाद सीएम योगी ने जब हाथरस जल रहा था और काबू से बाहर हो रहा था तब हाथरस में भेजे गए, सब कुछ पानी के सैलाब की तरह चंद दिनों में ठंडा कर दिया। उसके बाद अमरोहा और फिर मुजफ्फरनगर में भी सक शानदार पारी खेली। फिर वहाँ से लखनऊ और अब चंदौली जिले के कमान सभालेंगे।