UP News: देवरिया हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिले अखिलेश यादव
अखिलेश ने पीड़ित दोनों परिवारों के घर जाकर मुवायना किया और सरकार पर जमकर बरसे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज देवरिया पहुंचे। वह फतेहपुर गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड में पहले सत्यप्रकाश दूबे के घर गए। वहां उन्होंने पहले पहले नरसंहार में मारे गए दूबे परिवार के पांचों मृतकों के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह घर के अंदर पहुंचे और वहां बिखरे सामान आदि को देखकर वह चकित रह गए।
सत्यप्रकाश के बाद प्रेमचंद यादव के घर गए अखिलेश
सत्यप्रकाश के घर के बाद अखिलेश यादव अभयपुर टोला स्थित पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के घर पहुंचे। वहां मृतक पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान प्रेम की पत्नी शीला और दोनो बेटियों और बेटा मौजूद रहा। अखिलेश यादव ने उन्हें ढांढस बंधाया।
प्रशासन की लापरवाही सामने आई
इस अवसर पर अखिलेश ने कहा कि, शासन और न्याय के लिहाज से यह बहुत ही महत्वपूर्ण है और जिस तरह की यह घटना हुई है, हम सभी लोग मिलकर इस घटना की निंदा करते हैं। ऐसी दर्दनाक घटना पूरे यूपी में कभी देखने को नहीं मिली। इधर ऐसी घटनाएं नहीं हुई थी। इस तरहका घटना क्रम हो कि एक साथ इतने लोगों की जान चली जाए। घटना के बाद सभी टीवी चैनल जानकारी देना शुरू कर दिया। इसके बाद जिलाधिकारी का बयान सुना, जिसमें उन्होंने कहा कि पहली घटना होने के बाद दूसरी घटना हुई है। इससे यह घटना शासन प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण बन जाता है क्योंकि अभी तक जो सरकार जीरो टोलरेंस की बात करती थी तो इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई। उसकी सच्चाई अभी तक सामने लेकर नहीं आ पाए हैं।
पहले ही प्रेम यादव की हत्या
अखिलेश ने कहा कि प्रेम यादव का मरना, उन्हें घर बुलाना, उसके बाद किसी धारदार हथियार जान ले लेना। उसके बाद आसपास के क्षेत्र में यह बात फैल जाना कि उनकी हत्या हो गई और उसके बाद यह घटना हुई। मैं मौके पर घटना स्थल पर गया हूं और देखा हूं। उस परिवार के रहने का मैं घर देखकर आया हूं, वो घर और यह घर जहां प्रेम का घर है। दोनों दूर हैं, आखिर किन परिस्थितियों में उन्हें वहां जाना पड़ा? क्या वजह थी कि वह सुबह-सुबह वहां पहुंच गए।
जाति की राजनीति कर रही भाजपा: अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जाति के नाम पर राजनीति कर रही है। बुलडोजर को घर से गिराने की बात कहकर डरना चाहते हैं, सवाल आपकी नियत का है, मदद दोनों पक्षों की जाए। बुलडोजर जनता चलाने नहीं देगी। यह घटना बहुत ही दुखद है।