शिवपाल बोले में समाजवादी पार्टी का विधायक हूँ, प्रदेश में नेताओं के खड़े हुए कान
शिवपाल यादव का झलका दर्द
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के प्रमुख शिवपाल यादव का रुख हर दिन बदलता रहता है। कभी वह सरकार की बुराई करते हैं तो कभी सरकार के काम की तारीफ करते नहीं थकते। पारिवारिक कलह पर भी उनका रुख ऐसा ही है। कभी लगता है कि वह समाजवादी पार्टी में शामिल होने का मन बना चुके हैं, अगले ही दिन उनका बयान इसके उलट आता है। इटावा में एक ऐसा ही बयान देकर वह फिर सुर्खियों में हैं। सपा में पार्टी के विलय सहित कई मुद्दों पर बात करते समय यहां एक बार फिर शिवपाल यादव दर्द छलका है।
समाजवादी पार्टी से अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन करने वाले इटावा के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह आज भी जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। बावजूद उन्हें सपा विधायक दल या पार्टी की बैठक में नहीं बुलाया जाता। कभी भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें बैठकों नहीं बुलाया।
सपा में विलय पर बोले
समाजवादी पार्टी में प्रसपा के विलय पर शिवपाल यादव ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर पार्टी का विलय नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार समाजवादी पार्टी से समझौते का प्रयास किया, लेकिन उनकी ओर से सिर्फ झूठे आश्वासन ही मिलेे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब सिर्फ समाजवादी पार्टी से गठबंधन हो सकता है, क्योंकि सिर्फ गठबंधन के जरिये ही सांप्रदायिक शक्तियों को धराशायी किया जा सकता है। शिवपाल ने कहा बार-बार उनके सपा में जाने की अफवाहें फैलाई जा रही है। सपा में जाने का कोई सवाल ही नहीं है।
अचानक सदन विशेष सत्र में पहुंचे थे शिवपाल
महात्मा गांधी की जयंती पर योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा आहूत विधानसभा के विशेष सत्र में शिवपाल यादव ने पहुंचकर परिवार में एका की संभावनाओं को और धूमिल कर दिया। विशेष सत्र में शिवपाल यादव सपा विधायक की हैसियत से पहुंचे थे, जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहले ही सदन के बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के प्रमुख शिवपाल यादव गुरुवार को विधानसभा में न केवल पहुंचे, बल्कि योगी सरकार की जमकर सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने कुछ अच्छे काम किए हैं, लेकिन इसके साथ ही खराब कानून-व्यवस्था का भी जिक्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का नेतृत्व ईमानदार और मेहनती मुख्यमंत्री के हाथों में है, लेकिन पुलिस संवेदनशील नहीं है। विधानसभा के विशेष सत्र में शिवपाल यादव सपा विधायक की हैसियत से पहुंचे थे, जबकि अखिलेश यादव पहले ही सदन के बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं।