इटावा थाने में महिला की पिटाई मामले में एसएसपी आकाश तोमर का एक्शन, आरोपी महिला कांस्टेबल और थाने का SSI निलंबित
एसएसपी आकाश तोमर ने आरोपी महिला कांस्टेबल प्रियंका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि एसपी सिटी प्रशांत कुमार की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद निंलबित किया गया है. पीड़ित परिवार को इस बात का भरोसा भी दिया गया है कि उनके साथ हर हाल मे न्याय किया जाएगा. पूरे मामले की जांच एसपी सिटी और एडीएम स्तर पर संयुक्त रूप से की जा रही है.
इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है. कमेटी में एडीएम जयप्रकाश, एसडीएम सिदार्थ, एसपी सिटी प्रशांत कुमार और सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह को शामिल किया गया है. जांच कमेटी देर शाम सिचांई विभाग के सर्किट हाउस में पीड़ित और आरोपी पक्ष के बयान लेने में जुटे हुए दिखाई दिए.
बता दें शिक्षक की पत्नी के साथ हुए बर्बरतापूर्ण व्यवहार के बाद पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा से भाजपा सांसद प्रो.रामशंकर कठेरिया पीड़ित महिलाओं को लेकर डीएम के यहां पहुंच गए यही नहीं मामले में डीजीपी और गृह सचिव से भी शिकायत की गई है.
पीडिता का आरोप है कि 15 फरवरी की रात को फ्रेंड्स कालोनी इलाके में महिला कांस्टेबल प्रियंका से उसके किराए के मकान में हुए विवाद के बाद थाना पुलिस दो महिलाओं और उनके परिवार के कई सदस्यों को पकड़ कर ले गई. यहां इन महिलाओं की थाने में बुरी तरह से पिटाई की गई. पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने पुलिस थानों में अपराधियों के पीटने वाले पट्टे से इन महिलाओं को जबरदस्त ढंग से पीटा, जिसमें संगीता नाम की महिला को बहुत अधिक चोट आई है.
सोमवार रात की है घटना
संगीता के पति अरुण कुमार इटावा में प्राथमिक शिक्षक के तौर पर तैनात है. पीड़ित महिलाओं के खिलाफ महिला कांस्टेबल प्रियंका की ओर से कई अपराधिक धाराओं में मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है. इसके साथ ही धारा 151 में भी पाबंद किया गया है. दरअसल बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालय ताखा में सहायक अध्यापक अरुण कुमार पत्नी संगीता के साथ किराये पर रहते हैं. अरुण के मुताबिक सोमवार की रात करीब 11 बजे वह अपने स्वजनों के साथ सो रहे थे, उसी समय तीसरी मंजिल पर रह रही सिपाही प्रियंका ने देर रात आकर देरी से दरवाजा खोलने को लेकर उनसे और उनकी उनकी पत्नी संगीता, अन्य किरायेदार अजय कुमार और उनकी पत्नी वंदना पर पुलिस का रौब दिखाते हुए धमकाया.
सिपाही प्रियंका ने इसके बाद थाने पर कॉल करके पुलिस बल को बुला लिया. पीड़ित का कहना है कि इसके बाद उन सभी को मारते-पीटते हुए थाने ले जाया गया. थाने में चारों को रात भर बेरहमी से पीटा गया. अभद्रता करते हुए जाति सूचक शब्द प्रयोग किए गए. संगीता की बायें हाथ की उंगली टूट गयी. उल्टे उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया.
इसके बाद उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद यादव ने बताया कि पुलिस कर्मियों द्वारा शिक्षक और उसकी पत्नी को थर्ड डिग्री दिए जाने की शिकायत डीएम, एसएसपी और मानवाधिकार आयोग से की गयी है. बुधवार की देर रात फ्रेंडस कालोनी थाने के एसएसआई वीरेंद्र बहादुर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया था. अब आरोपी महिला पुलिसकर्मी प्रिंयका को एसपी सिटी की रिर्पोट के बाद निलंबित कर दिया गया है.