गाड़ियों के अत्यधिक जाम से कराह रही अयोध्या, भारी भीड़ से आवागमन में हो रही असुविधा
जबसे अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हुआ है तभी से अयोध्या में यात्रियों की भारी भीड़ है। मुख्य मार्ग से गाड़ियों के नहीं चलने से, गलियों में गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं।
Ayodhya: हिंदू सनातनियों की लगभग 500 वर्षों की प्रतीक्षा खत्म हुई और 22 जनवरी 2024 को वह दिन आ ही गया जब प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में श्रीराम जी की प्राण प्रतिष्ठा हुई और राम मंदिर का उद्घाटन हुआ। तभी से अयोध्या में अपरम्पार भीड़ बढ़नी शुरू हो गई जो अब तक जारी है। राम मंदिर उद्घाटन के एक दिन बाद यानी 23 जनवरी को तो राम मंदिर में इतनी भीड़ जमा हो गई कि, प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। अनियंत्रित भीड़ से उपजी स्थिति को देखते हुए आनन-फानन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लखनऊ से आना पड़ा। तब जाकर स्थिति सामान्य हुई। लेकिन आज भी यात्रियों की भारी भीड़ रामलला के दर्शन करने के लिए देश के कोने कोने से आ रही है। जिसकी वजह से अयोध्या में भीषण जाम की स्थिति देखने को मिल रही है। दूर-दूर से आ रहे वाहनों से अयोध्या में लंबी दूरी तक जाम लग रहा है। जिसकी वजह से वहां के स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अयोध्याधाम बाईपास से लेकर पूरा धर्मपथ होते हुए रामपथ के टेढ़ी बाजार चौराहे तक लगभग 4 किलोमीटर के दायरे में गाड़ियों के आवागमन को रोक दिया गया है। जिसकी वजह से कुछ गाडियां तो टेढ़ी बाजार पार्किंग में खड़ी हो रही हैं, लेकिन कुछ गाडियां गली कूचे से होकर जा रही हैं और गलियों को जाम कर दे रही हैं। उसके ऊपर से अयोध्या में लगभग कई हजार ई-रिक्शा चलने की वजह से जाम की स्थिति और भी भयानक हो गई है। इन ई-रिक्शों की ज्यादातर संख्या गलियों में होने की वजह से जाम और भी लग रही है। क्योंकि इनके चालक मनमाने तरीके से किसी भी गली में लेकर ई रिक्शा घुस जा रहे हैं और गली को जाम कर दे रहे हैं।
भीड़ को नियंत्रित करे प्रशासन: स्थानीय नागरिक
अयोध्या के स्थानीय निवासियों का कहना है कि जबसे राम मंदिर का निर्माण हुआ है तभी से अयोध्या में भारी भीड़ और गाड़ियों के अत्यधिक आवागमन से राह चलना दूभर हो गया है। कई किलोमीटर पहले ही गाड़ियों के रोक देने से जरूरत के सामान लेने में भी पसीने छूट जा रहे हैं। क्योंकि कई किलोमीटर की पैदल यात्रा करके सामान लेने जाना पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन से यही कहना है की भीड़ को ठीक तरीके से नियंत्रित करने के लिए प्रशासन कोई ठोस कदम उठाए।