Neem Karoli BaBa | बाबा नीम करोरी के जन्मस्थान के पावन दर्शन, देखिए- कैसा है उनका पैतृक घर और गांव
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में साल 1900 में जन्मे नीम करौली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था।
फिरोजाबाद : भारत आस्था का केन्द्र माना जाता है, यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इस आस्था की ओर खिचें चले आते हैं। भारत में एक ऐसे ही आस्था के केन्द्र बिन्दू की आज हम बात कर रहे हैं जो कोई साधारण नहीं बल्कि इतना ज्यादा प्रभावशाली है कि यहां पर एप्पल के संस्थापक स्टीव जाॅब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और हाॅलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स इस स्थान पर आकर माथा टेक कर गए हैं। जिस देव भूमि की हम बात कर रहे हैं वह 'नीम करौली बाबा' हैं।
अकबरपुर गांव में साल 1990 में हुआ जन्म
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में साल 1900 में जन्मे नीम करौली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। बाबा ने देश में भगवान हनुमान जी के कई मंदिर बनवाए हैं। बाबा ने वृन्दावन में 11 सितंबर 1973 को अपना शरीर त्यागा था। अपने वैवाहिक जीवन में उनके 2 बेटे और 1 बेटी है। बड़े बेटे अपने परिवार के साथ भोपाल में रहते हैं और छोटे बेटे का हाल ही में निधन हो गया है। यहां के दर्शन करने से पहले इसकी एक खास प्रथा के बारे में आपको बतादें कि यहां जब भी कोई आता है तो कंबल लेकर आता है और बाबा को चढ़ाता है। ऐसा इसलिए है क्यांेकि बाबा को जब भी देखा गया तो वह कंबल में ही नजर आए।
कहा जाता है कि बाबा नीम करोली को 17 वर्ष की आयु में ही ईश्वर के बारे में बहुत विशेष ज्ञान हो गया था. हनुमान जी को वे अपना गुरु और आराध्य मानते थे. बाबा ने अपने जीवन में करीब 108 हनुमान मंदिर बनवाए. मान्यता है कि बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं. हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे. एकदम आम आदमी की तरह जीने वाले बाबा नीम करोली तो अपना पैर भी छूने नहीं देते थे. ऐसा करने वालों को वे हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे.