कहो शिवपाल कैसा ही मिजाज फिरोजाबाद का, चाचा भतीजा आमने सामने

Update: 2019-03-09 04:42 GMT

मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने फिरोजाबाद से चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है. ऐसे में अब उनके सामने प्रो रामगोपाल यादव के बेटे और भतीजे अक्षय यादव समाजवादी पार्टी ने ताल ठोंक दी है. सपा के मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय प्रताप यादव फिरोजाबाद से चाचा के खिलाफ शिवपाल यादव के खिलाफ ताल ठोकेंगे. अब फिरोजबाद सीट पर चाचा-भतीजे के बीच घमासान होगा. शिवपाल और रामगोपाल के बीच बीते ढाई साल से तल्खी बढ़ी है. सपा में विभाजन से पहले ही दोनों के बीच सियासी दुश्मनी बढ़ गई थी. बता दें कि पिछले चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर हुई थी, हालांकि समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव ने बाजी मार ली थी. अक्षय यादव को कुल 5 लाख से ज्यादा वोट मिले थे.

राजनीतिक इतिहास

इस सीट पर 1957 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. 1967 में सोशलिस्ट पार्टी ने यहां से चुनाव जीता, 1971 में कांग्रेस ने यहां पर जीती. 1977 से लेकर 1989 तक हुए कुल चार चुनाव में भी कांग्रेस सिर्फ एक बार ही जीत पाई. 1991 के बाद लगातार तीन बार यहां भारतीय जनता पार्टी जीती, बीजेपी के प्रभु दयाल कठेरिया ने यहां जीत की हैट्रिक लगाई थी. उसके बाद 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन ने बड़ी जीत हासिल की. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी 2009 से इस सीट पर चुनाव लड़ा और जीते हालांकि चुनाव के बाद उन्होंने इस सीट को छोड़ दिया था.2009 में कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने चुनाव जीता और 2014 में समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव ने यहां से बड़ी जीत हासिल की.

जातीय आंकड़ा

2011 की जनसंख्या के आंकड़ों को मानें तो फिरोजाबाद क्षेत्र में 15 फीसदी से अधिक मुस्लिम जनसंख्या है, यानी मुस्लिम मतदाता यहां पर निर्णायक स्थिति में हैं. 2014 के आंकड़ों के अनुसार यहां 16 लाख से अधिक वोटर हैं, इनमें 9 लाख से अधिक पुरुष और 7 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. 2019 के चुनाव में भी इस सीट पर मुस्लिम, जाट और यादव वोटरों का समीकरण बड़ी भूमिका निभा सकता है.


5 विधानसभा क्षेत्र

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें टुंडला, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद और सिरसागंज सीटें शामिल हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इसमें से सिर्फ सिरसागंज की सीट पर समाजवादी पार्टी ने बाजी मारी थी और बाकी सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं.

कौन हैं अक्षय यादव

सांसद अक्षय यादव उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार से आते हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव के बेटे हैं. अक्षय यादव ने 2014 के लोकसभा चुनाव से ही राजनीति में एंट्री ली और मोदी लहर के बावजूद जीत दर्ज करने में कामयाब हुए. अक्षय यादव मौजूदा समय में संसद की कई कमेटियों के सदस्य हैं.

अब चूँकि बदली परिस्तिथि में यह सीट किसके पाले में जायेगी कहना मुश्किल होगा. अभी कांग्रेस और बीजेपी के पत्ते भी खुलें फिर मालुम होगा कि किस तरह से इस सीट का जातीय समीकरण फिट होगा . हालांकि दोनों और से अभी घोषित उम्मीदवारों में साख मुलायम सिंह की टिकी हुई है. 

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