आचार्य प्रमोद कृष्णम बने योगी सरकार के खिलाफ चाणक्य!
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण अत्याचार के खिलाफ मुखर हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने योगी सरकार के खिलाफ चाणक्य की तरह छोटी बाँध ली है.
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मुद्दा हावी होता नजर आ रहा है. इस मुद्दे के हावी होते ही सभी पार्टियाँ अपने बिल से बाहर आकर ब्राह्मणों के आराध्य भगवान परशुराम(Lord Parshuram)को लेकर बड़ी बड़ी घोषणा करने पर उतारू ह गये जबकि इस मुद्दे पर सबसे पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam)ने आवाज उठाई.
अब आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam)योगी सरकार (Yogi Sarkar) के सामने चाणक्य (Chanakya) बनकर खड़े हो गये है. जिस तरह मगध राज्य के राजा के सामने चाणक्य दीवार बनकर खड़े हो गये थे. चाणक्य एक स्वाभिमानी और क्रोधी स्वभाव के व्यक्ति थे. मगध के राजा ने घनानंद उन्हें श्राद्ध पर आमंत्रित करके अपमानित किया था. उसके बाद चाणक्य ने नंद वंश के विनाश की प्रतिज्ञा ली और नंद वंश का विनाश करने के बाद चंद्रगुप्त को राजगद्दी पर बिठाया.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्विट करते हुए कहा है कि एक ब्राह्मण को महाराज घनानंद ने अपमानित किया था, अंजाम इतिहास में दर्ज है योगी जी, और आज आपने मुझे ग़रीब ब्राह्मणों से मिलने से रोका है, चोटी की गाँठ याद रखियेगा.
अब ठीक इसी तरह योगी आदित्यनाथ सरकार के विनाश की प्रतिज्ञा आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ली है. जिस तरह कल उनका शामली जाते समय अपमान किया गया उससे वो काफी आहत है. और उन्हें लगा है कि यह उनके स्वाभिमान की लड़ाई है जिसे अंतिम समय तक लडूंगा. जब तक योगी सरकार का उत्तर प्रदेश से अंत न हो जाय.
बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम शामली में पीड़ित ब्राह्मणों के परिवार से मिलने जा रहे थे. उनको गाजियाबाद जिले के मुराद नगर थाने में हिरासत में ले लिया गया. जहां उनसे शामली न जाने का वादा लेकर उन्हें छोड़ा गया. उनका कहना है कि एक सन्यासी के सरकार में एक सन्यासी का अपमान करना ठीक नहीं है.