बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लिखा उत्तराखंड के सीएम को पत्र, देवभूमि में केरल, बंगाल से ज्यादा हुए मुस्लिम, टाइमर बम पर बैठा है उत्तराखंड
अरुण चंद्रा
गाजियाबाद: लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को पत्र लिख उत्तराखण्ड में सख्त भू-कानून लागू करने की मांग की है। विधायक ने पत्र में किया सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा देवभूमि में बंगाल और केरल से ज्यादा है मुस्लिमों की बढ़ने की संख्या हो रही है। अब टाइमर बम पर उत्तराखंड बैठा है। कट्टरपंथी देशों और देशविरोधी ताकतों के निशाने पर उत्तराखण्ड है।
उत्तराखण्ड में विदेशी फंडिंग के सहारे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों ने फ़र्ज़ी दस्तावेजों के सहारे किए स्थानीय लोगों के रोजगार व ज़मीन पर कब्जे कर डर और भय से पहाड़ से आम जन मानस पलायन कर रहा है।
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा
आपके संज्ञान में लाना है कि उत्तराखंड करोड़ों सनातनी हिंदूओं की आस्था का केंद्र बिंदु एवं महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है जिसे अनंतकाल से ऋषियों ने अपने तप से सिद्ध किया है जहां साक्षात् महोदव व अन्य देवी‘-देवता विराजमान है, की स्थिति चिंताजनक हो गई है यह स्थान अब आईएसआई एवं कट्टरपंथी मुस्लिम देशों के निशाने पर है जिसकी पुष्टि वर्ष 2000 में उत्तरांखड में अल्पसंख्यक समुदाय की नगण्य आबादी जो 2011 के जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या का 14 प्रतिशत और वर्तमान में लगभग 25 प्रतिशत से उपर पहुंच गई है, से की जा सकती है। इसमें भारी तादाद में रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या है जो देवभूमि के लिए किसी ‘टाइमर बम’ से कम नहीं है। हरिद्वार में संख्या 40 प्रतिशत, उधम सिंह नगर, नैनीताल, देहरादून, हलद्धानी में तो रेलवे की पूरी जमीन पर बस्ती बसाने, वन-विभागों की जमीनों पर कुकुरमुत्तों की तरह फर्जी मजारें उग आने से लेकर यह स्थिति पौड़ी से लेकर पंच प्रयागों और चारों धाम के मुहाने तक पहुंच गई है जो चिंता का विषय है।
उत्तराखंड में मुस्लिमों की वृद्धि का अनुपात वर्तमान में केरल और पश्चिम बंगाल से भी अधिक है जो किसी बड़ी अनहोनी का संकेत है। पिछले दिनों जब मैं ऋषिकेश नीलकंठ महादेव जी के दर्शन करने पहुंचा तो स्थानीय जानकारों ने बताया कि उत्तरांखड को चारों तरफ से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के द्वारा घेरा जा रहा है यहां के तीर्थ स्थानों तक विधर्मी पहुंच गए है। हमारे पुश्तैनी रोजगारों को छीन लिया गया है और पूरा उत्तराखंड खाली हो रहा है क्योंकि पूर्व में कांग्रेस की सरकार के दौरान इन लोगों के बड़े पैमाने पर फर्जी आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र बनाए गए जिसकी सहायकता से ये लोग फर्जी लीज पर होटल, धर्मशाला, टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी से लेकर, फल और शब्जी मंडियों पर हिंदुओं का नाम रखकर जैसे बद्री-केदार ट्रेडर्स, पर कब्जा जमा लिया है जिनके पास कुछ समय पहले तक पहनने को कपड़े तक नहीं थे। देवभूमि के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से इन्हें दस्तावेज मुहैया कराए गए है जिसकी मदद से ये लोग विदेशों से आए फंडिंग के कारण उंचे दामों पर स्थानीयों से जमीन और व्यवसायिक प्रतिष्ठान खरीद रहे हैं जिसमें जांच एजेंसी, पुलिस एवं निकाय संस्थाओं के ऐसे लोग शामिल है जिन्होंने पैसों के आगे अपनी नैतिकता तक बेच दी है। उत्तराखंड में ये लोग बड़े पैमाने पर अपराधिक गतिविधियों में शामिल है, जमीन से लेकर लव जिहाद जैसी घटनाओं का सामने आना मात्र कुछ उदाहरण भर है।
अतः समयबद्ध देवभूमि को अपवित्र करने एवं विदेशी ताकतों के इशारे पर भौगोलिक परिस्थितियों को बदलने का षड्यंत्र रचने वालों को चिन्हित कर, उत्तराखंड से बाहर निकालने का कार्य करें और जिस तरह से देवभूमि हिमाचल की पवित्रता वहां के भू-कानून की कठोरता के कारण अक्षुण्ण है, उसी प्रकार का कठोर भू-कानून उत्तराखंड में जल्द लागू करने का कार्य करें जिससे देवभूमि उत्तराखंड की रक्षा हो सकें, वहां के स्थानीय लोगों के अधिकार एवं व्यापार सुरक्षित रह सकें।