मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन के गुप्ता पर समय से कार्यवाही ना करने का आरोप

समय से इंजेक्शन मिलता तो सायद बच सकती थी शीला की जान, छ: घंटे की मसक्कत से मिला इंजेक्शन शीला ने दम तोड़ा

Update: 2021-05-20 13:35 GMT

गाजियाबाद :मामला शालीमार गार्डन साहिबाबाद गाजियाबाद का है जहां शीला नाम की महिला मौत और जिंदगी के बीच लड़ रही थी तभी हॉस्पिटल ने शीला को टोसीलीजुमाब चार सौ एमजी इंजेक्शन लेने के लिए कहा जिस इंजेक्शन को लेने के लिए सोलह अप्रैल को समय लगभग एक बजे कोविड-19 कंट्रोल कार्यालय गाजियाबाद से मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाजियाबाद को मरीज को उपलब्ध कराने के आदेश किए गए.

मरीज के परिजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन के गुप्ता से लगभग दोपहर एक बजे मिले एन के गुप्ता ने लगभग आधा घंटा मरीज के परिजन को ऑफिस के बाहर खड़ा रखा उसके बाद उनके परिजनों से बात की और उनसे कहा कि ठीक है हम आपका लेटर मेरठ इंजेक्शन दिलाए जाने की स्वीकृति हेतु भेज देते हैं. स्वीकृति होते ही आपको इंजेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा.

मरीज के परिजनो ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया जिसके चलते शाम को छ: बजे राज नगर एक्सटेंशन एक मेडिकल से मरीज के परिजनो को फोन आया और मेरठ से इंजेक्शन लेने हेतु स्वीकृति पत्र व्हाट्सएप पर आया जब मरीज के परिजन इंजेक्शन लेने मेडिकल स्टोर पहुंचे तो खबर आई के शीला ने अपने जीवन की अंतिम सांसे ली और वो जिंदगी की जंग हार गई.

अब सवाल ये उठता है कि इंजेक्शन छ: घंटे बाद मिला जबकि यह कार्यवाही एक घंटे में भी संपन्न की जा सकती थी क्योंकि सारी कार्यवाही ऑनलाइन कि गई थी यह एक दुख वे चिंता का विषय है देश की इस स्थिति में भी कुछ सरकारी अधिकारी लापरवाही से काम कर रहे हैं जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.

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