Ghaziabad: मुस्लिम बुजुर्ग से मारपीट के मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में Twitter समेत 8 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

गाजियाबाद पुलिस ने सोशल माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के अलावा 8 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. पु

Update: 2021-06-16 03:58 GMT

यूपी के गाजियाबाद स्थित लोनी इलाके में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई के मामले में नया मोड़ आ गया है. मंगलवार को पुलिस ने स्पष्ट कर दिया था कि ये मामला दो परिवारों की रंजिश से जुड़ा है. अब मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में गाजियाबाद पुलिस ने सोशल माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) के अलावा 8 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. पुलिस ने इन सभी पर ट्विटर के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है.

लोनी बार्डर से बुजुर्ग के साथ अभ्रदता का यह वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. इस पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कानून व्यवस्था सरकार पर कई सवाल खड़े किए तो वहीं सीएम योगी ने उन पर प्रदेश को बदनाम करने का आरोप लगाया है.


क्यों दर्ज हुई FIR

गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि ट्विटर समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. आरोपियों में कुछ पत्रकार भी शामिल हैं. इन सभी पर बुजुर्ग की पिटाई से संबंधित वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल कराने का आरोप है. ट्विटर पर आरोप है कि पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद भी इस वीडियो को नहीं हटाया गया. इन सभी पर धारा 153 यानी दंगा भड़काने, धारा-153A, दो संप्रदायों के बीच वैमनस्य फ़ैलाने, 295a- धार्मिक भावनाएं भड़काने और 120b यानी आपराधिक साजिश से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

FIR में कई पत्रकारों का नाम

गाज़ियाबाद के लोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज इस एफआईआर की कॉपी टीवी9 भारतवर्ष के पास भी मौजूद है. जिसमें दर्ज आरोपियों के नाम हैं- मिस्टर मोहम्मद जुबैर, राणा अयूब, द-वायर, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, समा मोहम्मद, सबा नक्की, twitter INC और twitter communication india PVT. एफआईआर में साफ तौर पर आरोप लगाया गया है कि उपरोक्त लोगों ने बिना मामले की सच्चाई जाने पीड़ित अब्दुल समद की पिटाई और उनके साथ हो रहे अभद्र व्यवहार की वीडियो के जरिये मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया. साथ ही, ये भी आरोप लगाया गया है कि इनके ट्वीटर हैंडल्स से जो प्रसारित किया गया वो किसी व्यक्ति विशेष की राय मात्र नहीं थी बल्कि वो किसी स्पष्ट मंशा के तहत प्रसारित किए गए जोकि एक बड़े आपराधिक षड्यंत्र की तरफ इशारा कर रहे हैं.

क्या है मामला?

बता दें कि दो दिन से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ युवक एक मुस्लिम बुजुर्ग को पीटते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो के बारे में शुरू में दावा किया जा रहा था कि युवकों ने बुजुर्ग को मुस्लिम होने की वजह से पीटा है. हालांकि पुलिस ने जांच के बाद बताया कि ये दो परिवारों की आपसी रंजिश का मामला है और बुजुर्ग ताबीज बनाने का काम करता है. हालांकि पीड़ित बुजुर्ग ने अपने साथ हुए इस अभद्र व्यवहार के लिए लोनी में बंथला के रहने वाले प्रवेश गुर्जर और उसके साथियों को जिम्मेदार ठहराया. वीडियो में जिस बुजुर्ग शख्स की पिटाई की जा रही है उसकी पहचान अब्दुल समद के रूप में हुई जो बुलंदशहर का रहने वाला है.

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