महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने फिर गांधी को बताया गंदगी, बोले जिन्होंने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया
रायपुर की धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहने कालीचरण महाराज के समर्थन में कई महामंडलेश्वर और साधु-संत आ गए हैं। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने उनके बयान का समर्थन करते हुए राष्ट्रपिता को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि गांधी नाम की गंदगी के कारण आज कालीचरण महाराज को जिन्होंने गिरफ्तार किया है, मां और महादेव उनका समूल विनाश करेंगे।
नरसिंहानंद गिरि ने हरिद्वार से जारी वीडियोग्राफिक बयान में कहा कि हम इस गिरफ्तारी की निंदा करते हैं। कांग्रेस की सरकार ने बहुत ही बेशर्मी भरा काम किया है। हमने तय किया था कि गांधी के बारे में नहीं बोलेंगे, लेकिन आज मजबूरी है।
जमानत में देरी हुई, तो छत्तीसगढ़ सीएम के आवास पर करेंगे आमरण अनशन
नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि गांधी के बारे में कालीचरण महाराज ने जो कहा, हम उससे सौ फीसदी सहमत हैं। सभी परिस्थितियों में हम कालीचरण महाराज के साथ हैं। हम आशा करते हैं कि जल्द उनकी जमानत होगी और वह बाहर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर उनकी जमानत में देरी की गई, तो हम लोग वहां जाकर उनके लिए संघर्ष करेंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के आवास पर जाकर आमरण अनशन करेंगे। उन्होंने कहा- मैं सभी संतों, भक्तों से कहना चाहता हूं कि कालीचरण महाराज का साथ दीजिए। हर उस व्यक्ति का साथ दीजिए, जो धर्म के लिए लड़ रहा है।
डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं नरसिंहानंद गिरि
नरसिंहानंद गिरि गाजियाबाद के रहने वाले हैं। वह डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं। हाल ही में उनको जूना अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाया गया है। 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में चली धर्म संसद में वह भी शामिल हुए थे। सुप्रीम कोर्ट में देश के जाने-माने 76 वकीलों ने जिन 9 साधु-संतों के खिलाफ हेट स्पीच की चिट्ठी लिखी है, उनमें नरसिंहानंद गिरि का भी नाम है। वह अक्सर विवादित बोल के लिए चर्चाओं में रहते हैं। इसके चलते उन पर कई बार मुकदमे भी दर्ज हुए हैं। गाजियाबाद पुलिस ने हाल ही में उन पर गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी की थी। हालांकि प्रशासन ने यह फाइल लौटा दी थी।
क्या कहा था कालीचरण महाराज ने
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुई धर्म संसद के समापन के दिन 25 दिसंबर को महाराष्ट्र से आए कालीचरण महाराज ने मंच से गांधीजी के बारे में गलत बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है। 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया। इस बयान के चलते 30 दिसंबर को खजुराहो से गिरफ्तार किया गया।