गाजियाबाद। उखालरसी श्मशान घाट प्रकरण में गिरफ्तार नगर पालिका परिषद मुरादनगर की निलंबित अधिशासी अधिकारी (ईओ) को निचली अदालत से झटका लगा है। ईओ की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जमानत के लिए अब वह ऊपरी अदालत जाने की तैयारी में हैं। श्मशान घाट हादसे में गिरफ्तारी होने के बाद अधिशासी अधिकारी (ईओ) निहारिका सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था। फिलहाल वह जिला कारागार डासना में बंद हैं।
निहारिका की तरफ से सिविल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत याचिका को खारिज कर दिया। सूत्रों का कहना है कि जमानत के लिए वह अब ऊपरी अदालत का रूख कर सकती हैं। बता दें कि उखलारसी श्मशान घाट में गत 3 जनवरी को वृद्ध जयराम की अंत्येष्टि के दौरान नवनिर्मित भवन की छत भरभरा कर गिरने से 24 नागरिकों की मौत हो गई थी। हादसे में दर्जनभर से ज्यादा नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इस वीभत्स घटना पर कोहराम मचने के बाद पुलिस ने 5 आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। बाद में अधिशासी अधिकारी निहारिका सिंह, रिटायर्ड अवर अभियंता चंद्रपाल, सुपरवाइर आशीष कुमार, ठेकेदार अजय त्यागी व उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ निरंतर सरकारी शिकंजा कस रहा है।
सीएम ने सभी आरोपियों पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट लगाने के आदेश दिए थे। इसके अलावा इंजीनियर और ठेकेदार की संपत्तियां जब्त कर नुकसान की भरपाई की जानी है। पूरे प्रकरण की एसआईटी जांच के आदेश भी हो चुके हैं। सरकार की तरफ से मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता राशि के चैक वितरित किए जा रहे हैं। हालाकि नगर पालिका के चेयरमैन विकास तेवतिया पर अब तक कोई एक्शन न होने से नागरिकों में नाराजगी है।