गाजियाबाद पुलिस की लापरवाही आई सामने, अब मासूम बच्ची के परिजन नहीं कर रहे अंतिम संस्कार
गाजियाबाद के थाना नंद ग्राम क्षेत्र की नई बस्ती इलाके में रहने वाली 11 साल की मासूम खुशी का बीती 20 नवंबर को अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद अपहरण कर्ताओ ने खुशी के परिजनों से 3000000 रुपए की फिरौती की डिमांड भी की थी जिसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को दी पुलिस के द्वारा परिजनों को बच्चे को जल्द खोजने की बात भी कही गई थी.
लेकिन कल ही जब गाजियाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा था बच्ची का शव बुलंदशहर इलाके के जंगलों से बरामद किया गया आज कल सुबह बच्चे के शव को पोस्टमार्टम करने के बाद बच्चे के शव को उसके नाना नानी के घर पर नंद ग्राम इलाके में लाया गया. जहां परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने सही कार्यवाही नहीं की है.
जिसको लेकर परिजनों ने शव के अंतिम संस्कार से मना कर दिया परिजनों का आरोप है कि पुलिस जबरन यहां से बच्चे के शव को लेकर चली गई और उसके शव को उसके माता-पिता को सौंप दिया. इस खबर के बाद थाना प्रभारी ने परिजन को समझाने के प्रयास किये लेकिन फिलहाल कामयाब नहीं हुए है.
परिजनों का आरोप यह भी है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो शायद उनकी मासूम बच्चे की जान बच जाती इतना ही नहीं गाजियाबाद पुलिस की नाकामयाबी देखिए की घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी और कल बच्चे के शव मिल जाने के बाद भी गाजियाबाद के किसी पुलिस के आला अधिकारी का कोई बयान अभी तक सामने नहीं आया है.
इस बात को दर्शाता है कि गाजियाबाद पुलिस अभी भी कुंभकरण की नींद सोई हुई है जिसका खामियाजा इस परिवार को भुगतना पड़ा और 11 साल की मासूम की हत्या कर दी गई।
अरुण चंद्रा