बदली हुई भूमिका में नजर आए राकेश टिकैत, गाजीपुर बॉर्डर पर चल रही पाठशाला में जाकर बच्चों को पढ़ाया
गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन स्थल पर सावित्रीबाई फुले पाठशाला में 1 जनवरी से चल रही है।
गाजियाबाद : ढाई माह से अधिक समय से किसान आंदोलन को धार दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार को गाजीपुर बार्डर पर एकदम नई भूमिका में नजर आए। राकेश टिकैत ने आंदोलन स्थल पर चल रही सावित्रीबाई फुले पाठशाला में जाकर जाकर न सिर्फ बच्चों को पढ़ाया, बल्कि डेढ़ माह से इस पाठशाला में आ रहे बच्चों ने क्या सीखा, इस बात की भी जानकारी ली। बता दें कि निर्देश दीदी इस पाठशाला का संचालन 1 जनवरी से कर रही हैं। गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन स्थल पर सावित्रीबाई फूले पाठशाला में 1 जनवरी से चल रही है।
पाठशाला में आसपास की कालोनियों में रहने वाले 90 बच्चों का पंजीकरण कर उन्हें रोजाना दो पालियों में पढ़ाया जाता है। निर्देश दीदी अपने कई साथियों के साथ मिलकर बच्चों को किताबी ज्ञान से लेकर नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ा रही हैं।
सोमवार को राकेश टिकैत ने पाठशाला में पढ़ रहे बच्चों की क्लास ली। उन्होंने बच्चों को एल्फाबेट के अलावा गिनती और पहाड़ों का अभ्यास तो कराया ही, साथ-साथ उनका टेस्ट भी लेते देखे गए। बच्चों ने राकेश टिकैत के सवालों का बड़ी बेबाकी से जबाब दिया। पढ़ाई लिखाई की बात करने के बाद किसान नेता ने बच्चों को खानपान को लेकर भी काफी कुछ समझाने का प्रयास किया। बच्चों को बताया कि बाजार की चीजें नहीं खानी चाहिएं। कोल्ड ड्रिंक पीने से हड्डियां खराब होती हैं। उन्होंने बच्चों को दूध, दही और मलाई और छाछ का सेवन करने की सलाह दी।
बदली हुई भूमिका में देखकर मीडिया कर्मियों ने राकेश टिकैत से सवाल किए। सवालों का जबाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकारी नीतियों की खामी और देश का दुर्भाग्य है कि देश के भविष्य के लिए स्कूल तक नहीं है। अमीर का बच्चा वातानूकूलित स्कूलों में पढ़ता है गरीब के बच्चे का टाट-पट्टी वाला स्कूल भी नसीब नहीं है। उन्होंने आंदोलन स्थल पर पाठशाला का संचालन कर रही टीम को शुभकामनाएं भी दीं और पुण्य के इस काम में लगे रहने के लिए उत्साहवर्धन किया।