दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे मुआवजा घोटाले में दरोगा सस्पेंड, गाजियाबाद ADM ऋतु सुहास का बड़ा एक्शन

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे मुआवजा घोटाले में पहली कार्रवाई हुई है।

Update: 2022-08-05 06:06 GMT

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे मुआवजा घोटाले में पहली कार्रवाई हुई है। इस मामले में 2 आरोपियों को जेल भेजा गया था, लेकिन उनको जमानत मिल गई। इसकी जानकारी जांच कर रहे दरोगा ने प्रशासन और पुलिस को नहीं दी थी। इस मामले में दरोगा को निलंबित कर दिया गया है। अब एसआईटी के अधिकारी कोशिश करेंगे कि आरोपियों को अन्य मामलों में जमानत न मिल सकें। दरोगा के खिलाफ अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास ने कार्रवाई की है।

करीब 22 करोड़ रुपए का घोटाला

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे मुआवजा मामले में 22 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से 19 मई को 2 एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसमें 5 नामजद समेत सब-रजिस्ट्रार और राजस्व कर्मचारी को भी शामिल किया गया है। 21 मई को मामले में मेरठ एसटीएफ और सिहानी गेट पुलिस ने 2 मुख्य आरोपी गोल्डी गुप्ता और सुधाकर मिश्रा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। मामले की जांच सिहानी गेट थाने में तैनात दरोगा अखिलेश कुमार को सौंप गई थी।

दोनों आरोपी जेल से छूट गए

इसके बाद प्रशासन की ओर से 5 एफआईआर दर्ज कराई गई। आरोपियों से पूछताछ के लिए जांच अधिकारी दरोगा को दोनों आरोपियों की रिमांड अर्जी अदालत में देनी थी, लेकिन जांच अधिकारी ने मामले में लापरवाही बरती। इसके बाद अन्य मामलों में पुलिस इन दोनों आरोपियों के वारंट तामिल करने जेल पहुंची तो पता चला की दोनों आरोपी जेल से छूट गए।

दरोगा अखिलेश सिंह पर गिरी गाज

इस प्रकरण के बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई। इस मामले मामले में 2 आरोपियों की गिरफ्तारी के अलावा किसी अन्य की गिरफ्तारी अभी तक नहीं सकी है। लिहाजा, एसआईटी को जांच आगे बढ़ाने में मुश्किल हो रही है। वहीं, पूरी मामले में किरकिरी होने के बाद जांच में सामने आया कि इस मामले में पहली बार जांच कर रहे दरोगा अखिलेश सिंह की लापरवाही सामने आई। इसकी वजह से पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

ऐसे हुआ घोटाला

गोल्डी गुप्ता व उसके साथियों ने अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठगांठ से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस में लिए अधिग्रहण में जमीन देकर मोटा मुआवजा लिया। जमीन अशोक सहकारी समिति के नाम से दी गई, जो समिति फर्जी थी। जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लग जाने के बाद भी बैनामे किए गए। इतना ही नहीं ग्राम सभा की बंजर जमीन का मोटा मुआवजा ले लिया गया।

एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास का बयान

एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास ने बताया कि इस मामले में दोनों आरोपी अग्रिम जमानत न ले सकें, इसकी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जिस जांच अधिकारी की लापरवाही से दोनों को जमानत मिली उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। जल्द ही इसमें बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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