गाजियाबाद में मशीनरी पार्ट बनाने की आड़ में अवैध शस्त्र बनाने व सप्लाई करने वाले गेंग को एसटीएफ ने पकड़ा

गाजियाबाद के थाना मधुवन बापूधाम क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न प्रकार के मशीनरी पार्ट बनाने की आड़ में अवैध शस्त्र बनाने व सप्लाई करने वाले 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अवैध शस्त्र व शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद।

Update: 2023-07-26 09:49 GMT

गाजियाबाद:  यूपी एसटीएफ उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदो में अवैध शस्त्रों का निर्माण कर उनकी तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में बृजेश कुमार सिंह अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ के मार्गदर्शन में एसटीएफ फील्ड इकाई मेरठ में टीमेेेें गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

25-जुलाई -2023 को एसटीएफ फील्ड इकाई मेरठ से निरीक्षक रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम अभिसूचना संकलन के उद्देष्य से थाना गाजियाबाद क्षेत्र में मौजूद थी, इस दौरान सूचना प्राप्त हुई कि फैक्ट्री एरिया मोरटा में एक फैक्ट्री में अवैध शस्त्र बनाने का काम चल रहा हैं। इस सूचना पर एसटीएफ मेरठ टीम स्थानीय पुलिस को साथ लेकर उक्त स्थान पहुॅची। फैक्ट्री के मेन गेट के पास एक सफेद बोर्ड लगा है, जिस पर एसआरएच इण्डिया इंडस्ट्रीज, 696 दिल्ली मेरठ रोड गाजियाबाद लिखा हुआ था। एसटीएफ टीम उक्त फैक्ट्री के अन्दर गयी तो वहॉ पर चारो तरफ खराद की मशीने लगी है तथा मशीन के आस-पास ही पिस्टल के अधवनी ट्रिगर गार्ड व ट्रिगर बने रखे हुए थे जिस पर एसटीएफ टीम द्वारा वहॉ मौजूद लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया एवं उक्त स्थान से उपरोक्त बरामदगी हुई।

गिरफ्तार अभियुक्त शाह फहद ने पूछताछ पर बताया कि उसकी यह फैक्ट्री एसएचआर इण्डिया इण्डट्रीज के नाम से रजिस्टर्ड है। यहां पर विभिन्न कम्पनी द्वारा दिये गये किसी भी मॉडल के अनुसार मशीनरी पार्ट बनाने का काम किया जाता है। कच्चा माल कम्पनी द्वारा ही उपलब्ध कराया जाता है। डासना का रहने वाला बब्लू ने आज ही 2 पिस्टल तैयार करके देने के लिए यह पैसा (उपरोक्त बरामद) देकर गया है। इस फैक्ट्री की आड़ में पिछले काफी समय से पिस्टल बनाने का काम चल रहा है। जनपद मेरठ, बुलन्दषहर, गाजियाबाद व आस-पास के जनपदों में हम लोग अब तक वह लगभग 70-80 से अधिक पिस्टल तैयार कर बेच चुके है। शाह फहद के पिता द्वारा भी यह काम किया जाता है इसके पिता .30 बोर की पिस्टल 1 लाख रूपये में तथा .315 बोर के तंमचा 4 हजार रूपये में बेचता है।

मौके से बरामद 30 बोर के कारतूसों के बारे में बताया कि पिस्टल तैयार करते समय इनकी बोर का नाप लेने व मैगजीन तैयार करते समय यह काम आते है, जिनको उसने शकील उर्फ टोपी से लिया था। शादिक ने बताया कि शाह फहद हमें 8 हजार रूपये महीने के हिसाब से देता है तथा शिवम ने बताया कि उसे शाह फहद 18 हजार रूपये महीना देता है। शाह फहद ने उसे एक पेन ड्राईव दिया है जिसमें पिस्टल व अन्य उपकरण तैयार करने की कमाण्ड है। वह इस पेन डाईव को वीएमसी मशीन में लगाकर पुर्जे तैयार करता है। जावेद उपरेाक्त ने बताया कि वह यहां पर पिस्टल के पार्टस जो उसे शाह फहद उपलब्ध कराता है, को जोडकर पिस्टल व तंमचे तैयार करता है। शाह फहद उसे 01 पिस्टल बनाने की एवज में 5 हजार रूपये तथा 315 बोर का तंमचा बनाने के एवज में 1500 रूपये देता है। तैयार असलहों को शाह फहद सप्लाई करता हैै।

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