जिलाधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पांडे जबसे कोरोना संक्रमण से ठीक हो कर वापस अपने काम पर लौटे हैं तब से लगातार जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर बड़ी सूझबूझ के साथ कार्य कर रहे है. जिलाधिकारी ने गांव अथवा वार्ड में जहां लोग कोरोना संक्रमण के पाए जा रहे हैं तो वहां जिला प्रशासन द्वारा कंटेनमेंट पॉलिसी लागू की जा रही है, इन सबके बीच जनपद में 41 ग्राम पंचायतें ऐसी भी हैं. जहां वर्तमान में कोरोना संक्रमण का एक भी मरीज नहीं है और वह इस संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हैं. इन ग्राम पंचायतों में फिर से संक्रमण फैल सके इसके लिए जिला प्रशासन ने इन ग्राम पंचायतों स्वैच्छिक सामुदायिक कंटेनमेंट योजना लागू की है.
इसकी शुरुआत बीते सप्ताह में की गई है=.इस योजना का असर क्या है जानने के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने आज ब्लाक बार समीक्षा की. समीक्षा में मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में रजापुर ब्लॉक के 22 गांव लोनी ब्लॉक के 26 गांव मुरादनगर ब्लॉक के 39 गांव भोजपुर ब्लॉक के 15 गांव कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. इस अभियान के तहत इन सभी ग्रामों में ग्राम वासियों से निगरानी समितियों एवं ग्राम प्रधान के माध्यम से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है.
लोगों से अपील की जा रही है की आवश्यकता होने पर ही अपने घरों से बाहर निकले. प्रत्येक ग्राम में दुकानों का खुलने का समय प्रति निर्धारित किया गया है. दुकानों पर सामान खरीद करते समय पहले अपने हाथों को सेनीटाइज करें. दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के बाहर निर्धारित दूरी के अंतराल पर बनाई गोल घेरे के अंदर ही लोग खड़े होकर दुकान से सामान क्रय करें.अगर गांव में बाहर से आने वाले सभी लोगों की कोविड की चेकिंग कराई जा रही है. रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें गांव में घुसने दिया जा रहा है.
इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में को भी टेस्टिंग अधिक से अधिक संख्या में कराई जा रही है. अभियान के प्रारंभ होने से वर्तमान तक लगभग 17500 लोगों की टेस्टिंग कराई जा चुकी है. तथा उनमें से 252 की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं जिनका उपचार आइसोलेशन सेंटरों में किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगभग 65000 दवाइयों की कीटों का भी घर-घर जाकर वितरण कराया गया है. इसके अतिरिक्त ग्राम में चेन्नई स्वैच्छिक व्यक्ति ग्राम चौकीदार के साथ कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन भी बदस्तूर करा रहे हैं.