Ghazipur District News: गाजीपुर जिले में जिला पंचायत घोटाले की जांच से निकली आंच
जिन जिन फर्मों ने स्ट्रीट लाइट के कार्य में अपनी भूमिका निभाई है उन पर तो गाज गिरना तय है और साथ ही साथ जांच की आंच में विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का जुर्माना भी तय माना जा रहा है।
गाजीपुर: गाजीपुर जिला पंचायत राज विभाग के स्ट्रीट घोटाले से खुलासा किया जा रहा है। जिला पंचायत राज विभाग में स्ट्रीट लाइट घोटाले का अब धीरे-धीरे पर्दाफाश होता जा रहा है। एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार सिंह द्वारा शुरू की गई जांच में अब तक गड़बड़ी ही गड़बड़ी पाई जा रही है। कुल मिलाकर 874.42 लाख रुपए का यह मामला है। इसलिए जांच टीम के नेतृत्व करता एडीएम वित्त एवं राजस्व हर एक कदम फूँक फूँक कर आगे बढ़ रहे हैं। 2 दिनों से धरातल पर चल रही जांच के बाद मिली बड़ी गड़बड़ियों की भनक विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही जिला पंचायत के अध्यक्ष व कार्य कराने वाली फर्म के ठेकेदारों को लगने लगी है। ऐसे में गड़बड़ी उत्पन्न करने वाले लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। पूरा जिला पंचायत विभाग सकते में आ गया है। जांच में गड़बड़ी की रिपोर्ट मिलने के बाद किस-किस की गर्दन फंसने वाली है यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना जरूर मानिए कई लोग इस घोटाले के मकड़जाल में फसने वाले हैं। बताते चलें कि गदबडी इतने बड़े पैमाने पर हुई है कुछ इलाकों के ग्राम सभाओं में स्ट्रीट लाइट लगी ही नहीं और लगी भी तो उसकी क्वालिटी ठीक नहीं है जबकि भुगतान कर लिया गया है।
इस वित्तीय वर्ष मैं धन हुआ आवंटन
अपर मुख्य अधिकारी सुजीत कुमार ने 25 अक्टूबर को उपनिदेशक जिला पंचायत अनुश्रवण कोष्ठक को पत्र भेजकर अवगत कराया कि पंचम राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021 में प्राप्त धनराशि के सापेक्ष शासकीय पत्र संख्या 38 /2020 /175 -33 -3 -2020 -38 -2020 दिनांक 18 अगस्त 2021 द्वारा संक्रमित धनराशि के अंश का वितरण एवं उसके उपयोग के संबंध में नियमानुसार संग्रहीत प्रस्तर -11 में दी गई व्यवस्था के तहत जिला पंचायत द्वारा कराए जाने वाले कार्यो में से एलईडी स्ट्रीट लाइट को विकास खंड वार लगाया जाना है। विकासखंड वार ग्राम पंचायत में बिजली खंभों पर लगाए जाने के संबंध में 8 सितंबर 2021 को बैठक हुई जिसमें प्रस्ताव संख्या 06 द्वारा अनुमोदित किया गया है अपर मुख्य अधिकारी ने अपने पत्र में लिखा कि विभागीय नियमानुसार 10 लाख से अधिक की परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृति का अधिकार शासन में नहीं है इसलिए 1610 परियोजनाओं का अनुमानित लागत 874.42 रुपए बनता है जिसे लागू करना है।
इन ब्लाकों की इतने गांव में लगनी थी लाइट
कासिमाबाद ब्लाक के 35 गांव, भावर कोल ब्लॉक के 25 गांव, बिरनो ब्लॉक के 28 गांव, जखनिया ब्लॉक के 25 गांव, करंडा ब्लॉक के 18 गांव, जमानिया ब्लॉक के 31 गांव, मनिहारी ब्लॉक के 28 गांव, मोहम्दाबाद ब्लॉक के 21 गांव, सादात ब्लाक के 15 गांव, बारचवर ब्लॉक के 22 गांव, भदौरा ब्लाक 14 गांव, देवकली ब्लाक 24 गांव, मरदह ब्लॉक 28 गांव, रेवतीपुर ब्लाक 22 गांव, सदर ब्लाक 25 गांव, सैदपुर ब्लॉक 69 गांव में स्ट्रीट लाइट लगने का काम शुरू किया गया।
2 दिन से गड़बड़ी गड़बड़ी की जांच में लगे हैं एडीएम
विभागीय सूत्र बता रहे हैं कि शुक्रवार से ही एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार सिंह मामले की जांच में लगे हुए हैं वह कार्य स्थलों पर स्वयं जाकर जांच कर रहे हैं यही नहीं जांच के बाद वह रिपोर्ट भी लाइन बाय लाइन तैयार करा रहे हैं हालांकि जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
सकते में है कई नामी-गिरामी फर्मों के ठेकेदार
जांच के छोटी छोटी चिंगारी की शक्ल भयावह आग में बदलने के बाद जिला पंचायत राज विभाग से जुड़े कई नामी-गिरामी फ़र्मों के ठेकेदारों के पसीने छूटने शुरू हो गए हैं। जिन जिन फर्मों ने स्ट्रीट लाइट के कार्य में अपनी भूमिका निभाई है उन पर तो गाज गिरना तय है और साथ ही साथ जांच की आंच में विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का जुर्माना भी तय माना जा रहा है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार सिंह ने बताया लाइट प्रकरण की जांच मुझे सौंपी गई है शासन के निर्देश पर यह जांच चल रही है अभी तक यह जांच में पूरी नहीं कर पाया हूं। लेकिन जहां-जहां भी मैं जांच करने पहुंचा वहां वहां गड़बड़ी पाई गई जैसे कुछ जगहों में तो लाइट ही गोल है और कुछ जगहों पर लगी लाइक की क्वालिटी बेहद खराब है। इसलिए मैं इतना ही कह सकता हूं कि मैंने अब तक 10% कार्य की ही जांच की है लेकिन जांच के दौरान में पाए गए कार्यों से पूरी तरह से असंतुष्ट हूं। इस जांच में जो सच्चाई है वही रिपोर्ट में तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजूंगा आगे की कार्रवाई शासन और उच्चाधिकारियों की जिम्मेदारी वह जाने उनका काम जाने।