योगी आदित्यनाथ के गुरू को हराने वाले पूर्व सांसद नरसिंह नारायण पांडेय का निधन

Update: 2018-01-09 06:56 GMT

कांग्रेस के पूर्व सांसद नरसिंह नारायण पांडेय का सोमवार को यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। 88 वर्षीय पांडेय लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गांधी परिवार के करीबी रहे पूर्व सांसद को संगठन को मजबूत बनाने को लिए याद किया जाता है।


हाल में ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने एक समारोह में उनके योगदान की सराहना की थी। पांडेय के निधन की खबर सुनते ही निधन की खबर सुनते ही कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बैंक रोड स्थित उनके आवास पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। मंगलवार को राजघाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।


नरसिंह नारायण पांडेय 25 वर्ष की उम्र में पहली बार खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। पहली बार 1962 में वह फरेंदा से विधायक बने। विधायक बनने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। 1971 में गोरखपुर सदर से कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और तत्कालीन सांसद महंत अवेद्यनाथ को हराया था। वे तीन वर्षो के लिए राज्यसभा के सदस्य भी रहे।  पांडेय को 1971 में गोरखपुर संसदीय सीट से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था। इनके खिलाफ गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ चुनाव मैदान में थे। लेकिन नरसिंह नारायण पांडेय चुनाव जीत गए थे। महंत अवेद्यनाथ दूसरे नंबर पर रहे। 

महंत अवेद्यनाथ को हराने के बाद अचानक से नरसिंह नारायण पांडेय सुर्खियों में आ गए और कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार हो गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने इनको राज्यसभा में भी भेजा था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूर्व सांसद पांडेय को सीडब्ल्यूसी में भी शामिल किया था। 

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