यूपी सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्रदेश के सरकारी स्कूलों की कार्यशैली में कोई खास सुधार होता नहीं दिख रहा है. ताजा मामला सीएम सिटी गोरखपुर के भटहट ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है. जहां सरकारी स्कूल की महिला टीचरों की लापरवाही का खामियाजा एक बीमार छात्रा को भुगतान पड़ा है.
दरअसल, महरी गांव के निवासी सुदर्शन की बेटी अनुपमा गांव के ही स्कूल में आठवीं क्लास में पढ़ती है. सोमवार को तबियत खराब होने के बावजूद अनुपमा परीक्षा देने के लिए स्कूल गई थी. प्रथम पाली की परीक्षा देने का बाद दूसरी पाली की परीक्षा के वक्त उसकी तबियत खराब हो गई थी. जिसके चलते वह परीक्षा हॉल में जाकर सो गई थी. वहीं शाम को स्कूल बंद होने के वक्त टीचरों ने परीक्षा हॉल में सो रही बच्ची की ओर कोई ध्यान नहीं दिया और स्कूल पर ताला लगाकर टीचर अपने घर चले गए.
वहीं काफी देर तक बच्ची के घर नहीं पहुंचने पर उसे तलाश करते हुए परिजन स्कूल पहुंचे थे. जहां स्कूल की खिड़की से क्लास रूम के अंदर बंद अपनी बच्ची को देख परिजनों ने स्कूल का दरवाजा खोलकर बच्ची को बाहर निकाला. इस दौरान स्कूल बंद होने से घबराई छात्रा की तबियत और बिगड़ गई थी.
हैरानी की बात ये है कि स्कूल की महिला टीचरों को सूचना देने के बावजूद कोई भी टीचर मौके पर नहीं आई. फिलहाल घटना से नाराज परिजनों ने बीएसए से मामले की शिकायत की है. साथ ही लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बीएसए ने इस मामले में कैमरे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि, इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी अश्विनी गुप्ता को मामले की जांच सौंप दी है.