हापुड़ विस्फोट : फैक्ट्री का किराएदार वसीम गिरफ्तार, फरार आरोपी दिलशाद की तलाश, विस्फोट में इस गाँव के दस लोग मरे
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के धौलाना कस्बे में एक फैक्ट्री में शनिवार दोपहर को विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना भयानक था कि फैक्ट्री की तीन की छत बहुत बहुत दूर जाकर गिरी और आग लग गई। इस आग में झुलसकर अब 13 लोग मृत हो चुके है। इस घटना में अब एक बड़ा ही दर्दनाक मामला सामने आया जिसमें यूपी के ही शाहजहांपुर जिले के कांठ थाना के भडेरी गांव के निवासी दस लोग मर गए। इस गाँव में जब दस लाशें पहुंची तो चीत्कार मच गया है। फिलहाल गाँव में मातम छाया हुआ है।
हापुड़ के थाना धौलाना क्षेत्र के यूपीएसआईडीसी इंडस्ट्रियल एरिया में कल हुए फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद मरने वालों की संख्या 13 पर पहुँच गई है तो वही घटना की सूचना मिलने पर फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के रिश्तेदार फैक्ट्री पर पहुंचे और अपने अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे हैं।
लेकिन न तो उन्हें अभी तक उनका कोई रिश्तेदार ही मिला है ओर न हीं उनकी कोई जानकारी मिल पा रही है। वहीं इस अवैध पटाखा फैक्ट्री के किराएदार वसीम को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि फरार आरोपी दिलशाद की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। बता दे कि इन दोनों के खिलाफ परिजनों ने मुकदमा दर्ज कराया था।
बता दे कि कल केमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से बड़ा हादसा हुआ था। धमाके के साथ बॉयलर फटने से फैक्ट्री में भीषण आग लग गई थी। जिसमें 13 लोगों की मौत होने पर धौलाना थाने में आईपीसी की धारा 286, 287, 304, 308, 337 और 338 के तहत FIR दर्ज की गई थी।
दस मरने वाले शाहजहांपुर जिले के निवासी
रोजी-रोटी तलाश में शाहजहांपुर के कांट थाना क्षेत्र के गांव भंडेरी के 20 से अधिक युवक हापुड़ की फैक्टरी में काम करते हैं। पहले कुछ लोग ही रोजगार की तलाश में वहां गए थे, फिर उन्होंने गांव के अन्य बेरोजगार लोगों को काम दिलाने के लिए हापुड़ बुला लिया और फैक्टरी में काम करने लगे। जो लोग वहां काम करते हैं उनके पास गांव में थोड़ी-बहुत ही खेती है।
हापुड़ में काम करने वाले युवक दो महीने पहले ही अप्रैल में ईद की छुट्टी पर आए थे। दो दिन रुकने के बाद सभी लौट गए थे। हादसे की खबर आने के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। मजदूरों के परिजन तुरंत ही यहां से रवाना हो गए। शनिवार रात 12 बजे तक वे अपनों को तलाश नहीं कर पाए थे।
शनिवार दोपहर दो बजे हादसे की खबर गांव पहुंचीं तो मजदूरों के घरों में रोना-बिलखना शुरू हो गया। सभी हापुड़ के लिए रवाना हो गए। सभी के मन में अनहोनी की आशंका थी। गांव के पूर्व प्रधान अली हसन ने बताया कि युवकों के परिजन हापुड़ पहुंच गए हैं, लेकिन अभी तक युवकों के बारे में कुछ पता नहीं लग सका। अभी कुछ स्थिति ही स्पष्ट नहीं हो सकी है।
अस्पतालों में अपनों को तलाश रहे परिजन
हादसे की सूचना आने के बाद मजदूरों के परिजन तुरंत ही निजी वाहनों से हापुड़ के लिए रवाना हो गए हैं। उनके मन में आशंका थी कि कहीं हादसे ने उनके अपनों को नहीं छीन लिया हो। जैसे-तैसे शाम तक परिजन हापुड़ पहुंच गए, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चल रहा। दरअसल घायलों को मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली के अस्पतालों में रेफर कर दिया गया। पूर्व प्रधान अली हसन ने बताया कि गांव से जाने वाले उनसे लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। अभी तक गांव के एक भी व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है। गांव के लोग अस्पतालों में शिनाख्त करने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन अधिकतर के चेहरे बुरी तरह से जल चुके हैं, जिसके चलते उनकी पहचान होना मुश्किल हो रही है।
कई वर्षों से फैक्टरी में करते थे काम
भंडेरी के अलावा मीरानपुर कटरा के भी कई युवक वहां की फैक्टरी में काम करते थे। रोजगार की तलाश में कई साल पहले हापुड़ पहुंचे मजदूरों को आसानी से काम मिल गया था। तब से भंडेरी गांव के अधिकतर युवक यहीं पर काम कर अपनी जिंदगी को गुजार रहे हैं।
अपनों की मदद करने पहुंचे लोग
गांव के कई लोग दिल्ली, मेरठ और गाजियाबाद जैसे शहरों में नौकरी करते हैं। पूर्व प्रधान अली हसन के भतीजे भी मेरठ में डॉक्टर हैं। हादसे की सूचना के बाद वह तुरंत हापुड़ पहुंच गए। अली हसन बताते हैं कि भतीजा भी किसी को पहचान नहीं पा रहा है। अधिकतर मजदूर बुरी तरह से जल गए हैं।
गांव में पसरा सन्नाटा
हादसे की खबर गांव में शोक छा गया। हादसे के बाद हर किसी का मन आशंकित हैं। गांव के लोग हादसे के बाद काफी ज्यादा परेशान हैं। जो युवक फैक्टरी में काम करते थे, अनहोनी के डर से उनके घर में चूल्हे तक नहीं जले हैं।
परिजन की बात नहीं मानीं और हापुड़ चला गया था सर्वेश
भंडेरी गांव में सर्वेश कश्यप के घर के दरवाजे पर उसकी बहनें रो रही थीं। वह भाई को लेकर आशंकित थी। सर्वेश भी फैक्टरी में काम करने गया था। हादसे के बाद उसका भी कोई सुराग नहीं लग रहा। पप्पू कश्यप का 18 वर्षीय इकलौता बेटा सर्वेश दस दिन पहले ही हापुड़ गया था। इससे पहले वह गांव में मजदूरी करने गया था। परिजन के मुताबिक, सर्वेश को पूरे परिवार ने हापुड़ जाने से रोका था, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी। शनिवार को हादसे की खबर के बाद पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।