कोरोना के डर से एक युवक ने गला काट कर की आत्महत्या
हापुड़ के थाना पिलखुवा क्षेत्र में एक शख्स ने कोरोना होने के शक में शेविंग ब्लेड से गला काटकर आत्महत्या कर ली. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची.
कोरोना वायरस के संक्रमण से आज लोगों में तनाव और भय बढ़ता जा रहा है दुनिया भर में लोगों ने मिलने-जुलने के तरीकों में बदलाव कर लिया है. लेकिन उत्तर प्रदेश के हापुड़ के थाना पिलखुवा क्षेत्र में एक शख्स ने कोरोना होने के शक में शेविंग ब्लेड से गला काटकर आत्महत्या कर ली. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला. पुलिस इस मामने की तफ्तीश में जुटी है.
यूपी के बागपत का रहने वाला सुशील कुमार (35) अपनी मां, पत्नी और दो बच्चों के साथ पिलखुवा की मोहननगर कॉलोनी में पिछले 4 सालों से रह रहा था. इसी इलाके में उसकी सैलून की दुकान थी. परिवार ने बताया कि एक हफ्ते पहले सुशील को बुखार आया. फिर बुखार ना उतरने और गले में इन्फेक्शन होने पर उन्होंने कोरोना वायरस के डर से पहले सरकारी अस्पताल से दवा ली. आराम न मिलने पर मोदीनगर में एक डॉक्टर से इलाज करवा रहे थे. लेकिन फिर भी उन्हें आराम नहीं मिल रहा था.
फिर वायरस के डर से सुशील ने परिवार से दूरी बना ली थी और डिप्रेशन में रहने लगे थे. दुकान पर भी जाना बंद कर दिया था. शनिवार रात भी जब वो अलग कमरे में सो गए थे. रविवार की सुबह जब परिवार वाले चाय लेकर पहुंचे तो सुशील का खून से लथपथ शरीर मृत अवस्था में बेड पर पड़ा था. जिसके बाद उन्होंने पुलिस को इस घटना की सूचना दी.
कोरोना वायरस के डर से आत्महत्या की सूचना पर पुलिस में हड़कंप मच गया है. पुलिस को मौके से चाकू, ब्लेड और आरी मिली. पुलिस ने बताया कि सुशील ने ब्लेड से गला काटकर अपनी जान दी है. मौके से खुदकुशी का नोट मिला है. इसमें खुद को कोरोना वायरस से पीड़ित बताते हुए आत्महत्या करने की बात कबूली है.
सुशील ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे कोरोना वायरस होने का डर है. यह बच्चों में ना हो जाए इसलिए खुदकुशी कर रहा हूं. मेरे बच्चों और मां का ध्यान रखना और उनका कोरोना का टेस्ट करवा देना. मेरे दोनों भाई विजय और ललित मेरे परिवार और मां का ध्यान रखना और आत्महत्या के लिए माफ कर देना. इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कोरोना वायरस को लेकर लोगों कई तरह की गलतफहमी हैं जिसे दूर करने की जरूरत है नहीं तो आने वाले समय में कई और मामले देखने को मिलेंगे.