हरदोई: हरदोई के कई कस्बे टिंचर-जिंजर जैसे सस्ते नशे की गिरफ्त में हैं। लोग नशे के इतने आदी हो चुके हैं कि सुबह नींद खुलते ही नशा कर लेते हैं। दवा में इस्तेमाल होने वाली टिचर-जिजर कस्बों में धड़ल्ले से सस्ते नशे के रूप में बिक रही है।
आधा दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर से होती है टिचर-जिजर की बिक्री
हरदोई के लखनऊ रोड पर लालपालपुर व बघौली क्षेत्र के लोगों ने बताया कि यहां आधा दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर से टिचर-जिजर की बिक्री होती है। इनमें से कुछ के पास तो मेडिकल स्टोर का लाइसेंस तक नहीं है। बाकी लोग मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेकर इस अवैध कारोबार का संचालन कर रहे है।
दवा की दुकान में दवा कम टिचर का स्टाक अधिक दिखता है
इन दुकानों पर लिफाफे में रख के अपने नियमित ग्राहकों को टिंचर जिंजर बेचते देखा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक लालापालपुर, सारीपुर, शंकरपुर बघौली चौराहा, बघौली स्टेशन व आसपास के क्षेत्रों में करीब आधा दर्जन से अधिक दुकानों से टिचर-जिजर की बिक्री हो रही है।
दारू के पव्वे से सस्ती है टिचर-जिजर
देसी शराब का पव्वा 70 से 90 रुपये में मिलता है। टिचर-जिजर की 200 मिलीलीटर की बोतल 45 से 50 रुपये में मिल जाती है। इसमें अल्कोहल की मात्रा 84 से 87 फीसद तक होती है। इसलिए नशा भी अधिक करता है।
टिचर-जिजर की ज्यादा मात्रा से हो सकती है मौत
मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिक्तसाधिकारी डॉ0 शेर सिंह ने बताया कि टिचर-जिजर सालों पहले पेट दर्द, सर्दी-जुकाम में बहुत कम मात्रा में दिया जाता था। इसमें अल्कोहल 85 फीसद तक होता है, इसलिए सस्ता नशा करने के लिए लोग टिचर-जिजर पीते हैं। ज्यादा मात्रा में नियमित सेवन करने से पेट संबंधी समस्या होने लगती है, लिवर, गुर्दा और तंत्रिका तंत्र पर भी असर पड़ने लगता है। मौत भी हो सकती है।