ट्रेन की चपेट में आने से आधा दर्जन गौवंश मृत अवस्था में मृत मिले रेलकर्मियों ने ट्रेक के बाहर निकाला.......
जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते रेलवे ट्रैक पर छुट्टा गौवंश आए दिन ट्रेन की चपेट में आने से मौत के घाट उतार रहे हैं। जिन्हें कुत्ते कौवे नोच नोच कर खा रहे हैं। कई दिनों तक रेलवे ट्रैक के पास मृत अवस्था में पड़े होने के कारण आसपास कॉलोनी के लोगों का बदबू से जीना दुश्वार हो जाता है। जिम्मेदार लोग एक दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं। शुक्रवार को आधा दर्जन गोवंश मृत अवस्था में बालामऊ जंक्शन के पास रेलवे ट्रेक में मृत पड़े थे। जिन्हें रेलवे कर्मी ने ट्रेक के बाहर निकाल दिया।
बेजुबान पशुओं की ट्रेन की चपेट में आने से मरने की घटनाएं उनकी नियत बन गई हैं। वर्तमान समय में कृषि कार्य में गौवंशों की अनुपयोगिता व गौवंश वध कानून के कारण नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में छुट्टा गौवंशों की ज्वलंत समस्या बनी है। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद छुट्टा गौवंशों की समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण किसानों की फसलें चौपट हो रही है। किसान रात रात भर रतजगा करने को विवश हैं। वहीं सड़कों पर आने के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है।
जिसके कारण आम नागरिक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। आम नागरिक के साथ बेजुबान गौवंश परेशान हो रहे हैं। इस दुर्घटना के संबंध मे स्टेशन अधीक्षक ने बताया नगर के अधिशासी अधिकारी को कई बार रेलवे परिसर के आसपास के नगर सहित गांव से आने वाले आवारा पशुओं के रेलवे ट्रैक में आने से संरक्षा को खतरा बना रहता है। इन्हें स्थानीय गौशालाओं में रखने की आवश्यकता है।
नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी का कहना है नगर में वर्तमान समय में अस्थाई गौ-आश्रय स्थल चल रहा है। जिसमें सीमित संख्या में गौवंश रखने की क्षमता है। नगर को वृहद गौशाला शासन से स्वीकृत हो गया है। जिसकी भूमि ग्राम सभा लोन्हारा में चयनित हो गई है।
एस्टीमेट तैयार कर शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। वृहद गौशाला निर्माण की रास्ता खुल जाएगी। जिससे इन दुर्घटनाओं से रेलवे परिचालन प्रभावित होता है। वही दुर्घटना होने की प्रबल आशंका रहती है। वही मृत अवस्था में पड़े होने के कारण आसपास बदबू से संक्रामक बीमारी फैलने की प्रबल संभावना रहती है।