हरदोई में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
बड़े पैमाने पर ओलावृष्टि होने के कारण पशु/पक्षी राहगीर हुए चुटहिल
हरदोई। बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की तैयार गेहूं की फसल व आम का बोर काफी प्रभावित हुआ है। किसान कुदरत की मार से काफी आहत है। रवी की फसल गेहूं पूरी तरह से तैयार थी, कटाई आरंभ हो गई थी, दिन-रात कई महीनों से मेहनत के बाद किसानों की फसल तैयार हो गई थी, फसल कटकर घर आने से पहले कुदरत की मार ने किसानों की को चोट पहुंचाई है, जिसका प्रभाव उनके जीवन का पड़ेगा।
रात-दिन कठिन परिश्रम कर किसान देश को अनाज देता है। वही बेजुबान पशु पक्षी बेहाल है, सबसे ज्यादा अस्थाई गौआश्रय स्थलों में बंद बेजुबान पशुओं के सामने जीवन का संकट है, पूरा क्षेत्र मय बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित है। राहगीर ओले गिरने के कारण चुटहिल हुए हैं। कुदरत की मार से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। किसानों के सामने परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है।
अनुमान के अनुसार जहां जहां ओलावृष्टि हुई है उन किसानों की फसल 30% तक प्रभावित हुई है। किसानों की प्रभावित फसल का कंपनियां फसल बीमा के नाम पर धोखा दे देती है। किसानों को अपने नुकसान की सूचना 24 घंटे के अंदर कंपनियों को देना अनिवार्य होता है, जबकि किसान की बड़े पैमाने पर फसल बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित होगी, ऐसे में खेत में जलभराव निकालना चाहिए या कंपनियों के अधिकारियों के चक्कर लगाएं।
अधिकारी कागजों की खानापूर्ति के नाम पर केवल किसानों को टरकाया जाता हैं, ऐसे में फसल बीमा में मुआवजा के नाम पर केवल किसानों का छलावा होता है। शासन-प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करके किसानों के हितेषी होने का ढिढोरा पीटते हैं।